लखनऊ में शुक्रवार को शाम 5 बजे के करीब UP STF की टीम ने अलीगंज से फर्जी IPS को गिरफ्तार कर लिया। उसके ऊपर 2020 में अमीनाबाद के एक ज्वेलर्स से 3 करोड़ रुपए की ठगी करने का आरोप है। उसके खिलाफ ज्वेलर्स ने महानगर थाने में गुरुवार को एफआईआर दर्ज कराई थी। वह प्रदेश छोड़कर भागने की फिराक में था। इससे पहले ही UPSTF की टीम ने उसे उसके घर से दबोच लिया।
एडीजी STF अमिताभ यश ने बताया कि अमीनाबाद के मोहन श्याम कल्याणदास ज्वेलर्स की महानगर में भी दुकान है। नितेश रस्तोगी कारोबार संभालते हैं। अलीगंज का रहने वाला राजीव सिंह अक्सर उनकी दुकान पर आता था। उसने खुद को महाराष्ट्र कैडर का आईपीएस बताकर नितेश से संबंध बनाएं थे। पिछले साल उसने नितेश से एक बार 67 लाख और दोबारा 1.95 करोड़ रुपए का जेवर खरीदा था। जिसकी कीमत वर्त्तमान में 3.17 करोड़ रुपए थी। भुगतान के लिए राजीव ने 7 चेक दिए।
शुरुआत में वह कोई न कोई बहाना बनाकर नितेश को बैंक में चेक लगाने से रोकता रहा। जब चेक की डेट खत्म हो गई तो वह शांत बैठ गया। तभी से नितेश भुगतान के लिए उससे बार-बार कह रहे थे लेकिन वह टालमटोल कर रहा था।
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गिरफ्तार राजीव ने पूछताछ में बताया कि 2003 में उसकी मां अपने सहेली के साथ मोहन श्याम कल्याणदास ज्वेलर्स अमीनाबाद, पर आभूषण खरीदने जाया करती थी। धीरे-धीरे इन लोगों के आपस अच्छे संबंध बन गए। इसके बाद 2005 में राजीव भी मोहन श्याम कल्याणदास ज्वेलर्स की दुकान पर आने-जाने लगा। उसके पिता पुलिस विभाग में कार्यरत थे। वह 2014 में सीतापुर से रिटायर हुए थे।
कुछ समय बाद राजीव अपने आप को महाराष्ट्र कैडर का आईपीएस अधिकारी बताने लगा। जिसकी वजह से मोहन श्याम कल्याणदास ज्वेलर्स गोल मार्केट, महानगर लखनऊ के मालिक नितेश रस्तोगी से इसके भी अच्छे संबंध हो गए। इसका फायदा उठाकर उसने जुलाई 2020 में 67 लाख और दिसम्बर 2020 में 1 करोड़ 95 करोड़ लाख का जेवर खरीदा।
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बदले में सेन्ट्रल बैंक आफ इण्डिया के 7 अलग-अलग पोस्ट डेटेड चेक दिया था। चेक क्लियर न होने पर नितेश ने रुपयों के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। इसके बाद राजीव ने आईपीएस अधिकारी का रौब दिखाते हुए ज्वैलरी वापस करने और रुपए देने से मना कर दिया। जिसके बाद गुरुवार को नितेश ने एसटीएफ को मामले की जानकारी दी थी।