उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में ममता को तार तार करते हुए एक नवजात बालक को प्लास्टिक के बोरे में बंद कर खाली पड़े प्लाट मे फेंक दिया। बच्चे की रोने की आवाज सुनकर एक महिला उसे उठाकर अपने घर ले आई। जिसे बाद में पुलिस ने उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करा दिया है।
बिजनौर के बढ़ापुर के मुहल्ला ठाकुरान मे गुरुवार को शबनम किन्नर के आवास के समीप खाली पडे प्लाट मे एक नवजात बालक प्लास्टिक के बोरे में बंद पड़ा मिला। मुहल्ले का एक पांच वर्ष का बालक अल्फेज़ पुत्र शकील सुबह दस बजे उक्त प्लॉट पर खेलने गया तो उसे प्लास्टिक के बोरे में से बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी।
अल्फेज़ ने जब यह बात अपने घर जाकर बताई तो उसकी मां ने अल्फेज़ को यह कहकर खेलने के लिए भेज दिया की किसी ने बोरे में बिल्ली का बच्चे को बंद कर फेंका होगा। अल्फेज़ पुनः उस प्लास्टिक के बोरा के पास पहुंचा और वही से शोर मचा दिया कि मम्मा इसमें से तो बच्चे के रोने की आवाज आ रही है।
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अल्पेश की आवाज सुनकर आसपास की महिलाएं भी प्लॉट पर पहुंच गई। शन्नो नामक महिला ने जब बोरा खोलकर देखा तो उसमें एक नवजात बालक मिला। शन्नो तुरंत ही उसे अपने घर ले गई और उसके शरीर को साफ कर कपड़े पहनाए।
बालक के बोरे में बंद पड़े होने की सूचना थोड़ी ही देर में पूरे नगर में फैल गई और देखते ही देखते दर्जनों निसंतान महिलाएं बालक को गोद लेने के लिए आपस में बहस करने लगी। सूचना मिलने पर पुलिस ने बालक को उपचार हेतु सीएचसी भेज दिया है।