उत्तराखंड के चमोली जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बख्तावर सिंह बिष्ट का शनिवार सुबह उनके गौचर स्थित आवास पर देहांत हो गया। अलकनंदा नदी किनारे पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके भतीजे आरएस बिष्ट तथा नाती दिगम्बर व योगेम्बर सिंह ने मुखाग्नि दी। वह 103 साल के थे।
बख्तावर सिंह बिष्ट का जन्म 18 जनवरी 1918 को चमोली जिले के श्रीकोट गांव में एक किसान के घर में हुआ था। बचपन से ही मन में देश की आजादी का सपना पाले बख्तावर सिंह बिष्ट सन 1940 में गढ़वाल राइफल में भर्ती होकर सेना का हिस्सा बने।
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आजादी से पूर्व सेना में भर्ती होने के पांच साल बाद उन्होंने 1945 में ब्रिटिश सेना से बगावत कर नेता सुभाष चन्द्र बोस की सेना में शामिल हो गए और देश की आजादी के लिए अंग्रेजी हुकूमत से बगावत कर अंग्रेजों के खिलाफ लडाई लड़ी और देश की आजादी में अहम योगदान दिया।
अंतिम संस्कार में परिजनों सहित क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक व एसडीएम वैभव गुप्ता, तहसीलदार सोहन सिंह रांगड आदि मौजूद रहे।