नई दिल्ली। देश में बढ़ रही मंहगाई के बीच शराब पीने का शौक रखने वालों के लिए एक अच्छी खबर आ रही है। राजस्थान में साल 2021-22 के लिए शनिवार को घोषित राज्य की आबकारी नीति के अनुसार, 1 अप्रैल से बीयर सस्ती दर पर उपलब्ध होगी। नई आबकारी नीति में बीयर पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क और एमआरपी में कमी की घोषणा की गई है, जिससे इसकी कीमत 30-35 रुपये कम हो जाएगी।
इसके साथ ही देश में बनी अंग्रेजी शराब (आईएमएफएल) और आयातित शराब को छोड़कर समस्त आबकारी वस्तुओं पर कोई कोविड अधिभार या सरचार्ज नहीं लगेगा। इनके अलावा, आईएमएफएल और बीयर पर लगने वाले वेंड फीस को भी खत्म कर दिया जाएगा। आबकारी नीति में हुए हालिया बदलाव में यह फैसला लिया गया है कि शराब की दुकानों का आबंटन लॉटरी सिस्टम की जगह ऑनलाइन किया जाएगा।
सरकार दे रही है तारीख पर तारीख, इससे दुखी किसान ने टीकरी बॉर्डर पर लगाई फांसी
अधिकारियों ने कहा कि राज्य सरकार ने दिल्ली और हरियाणा सहित पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी को रोकने और शराब माफियाओं पर नकेल कसने के लिए यह निर्णय लिया है। नए नियम के अनुसार, एक व्यक्ति को राज्य में पांच से अधिक दुकानें और जिले में दो से अधिक दुकानें आवंटित नहीं की जाएंगी।
हालांकि इस दौरान शराब की दुकानों की संख्या में कोई परिवर्तन नहीं होगा, संख्याएं ज्यों की त्यों रहेंगी। वर्तमान में, राज्य में 7,665 शराब की दुकानें हैं, जिनमें देशी शराब की दुकानें भी शामिल हैं। सरकार का लक्ष्य अगले वित्तीय वर्ष में उत्पाद शुल्क से 13,000 करोड़ रुपये कमाने की है। आदेश में कहा गया है कि बीयर बार लाइसेंस धारक अब फ्रेश बीयर बनाने का मिनी प्लांट लगा सकेंगे। इसमें नए बार लाइसेंस के आवेदन में पूरी फीस के बदले 10 फीसदी ही अग्रिम जमा करने का प्रावधान किया गया है।