ग्रहों के राजकुमार बुध 27 सितंबर से तुला राशि में वक्री चाल चलेंगे। तुला राशि में वक्री चाल चलने के बीच 2 अक्टूबर को इसी अवस्था में ही कन्या राशि में गोचर करेंगे। इसके बाद 18 अक्टूबर को कन्या राशि में मार्गी हो जाएंगे। बुध की वक्री चाल से मिथुन और कन्या समेत कई राशियों को शुभ परिणाम प्राप्त होंगे।
जानिए किन राशियों को होगा लाभ-
मिथुन- बुध अपनी वक्री चाल में आपकी राशि के पांचवें भाव पर संचार करेंगे। कुंडली में पांचवें भाव को प्यार, रोमांस और संतान का भाव माना जाता है। इस दौरान आपको कार्यक्षेत्र में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। जीवनसाथी के साथ अच्छा समय बीतेगा। संतान पक्ष से शुभ समाचार मिल सकता है।
कन्या- बुध अपनी वक्री चाल में आपकी राशि के दूसरे स्थान पर गोचर करेंगे। यह स्थान परिवार और वाणी को दर्शाता है। इस दौरान आपके अधिकारियों के साथ संबंध अच्छे होंगे। करियर में नए अवसर प्राप्त होंगे। जीवनसाथी के साथ तालमेल बैठा कर रखें।
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धनु- वक्री बुध आपके 11वें भाव में गोचर कर रहे हैं। यह स्थान वैदिक ज्योतिष शास्त्र में इच्छा, लाभ और आय को दर्शाता है। इस दौरान आपकी कार्यक्षेत्र में सराहना की जाएगी। गोचर काल में वरिष्ठजनों की सराहना लेते रहें। जीवनसाथी का भरपूर सहयोग मिलेगा।
कुंभ- कुंभ राशि वालों के नौवें भाव में बुध का गोचर का होगा। यह स्थान भाग्य, धर्म और यात्रा को प्रदर्शित करता है। इस दौरान आपका भाग्य साथ देगा। सितारे अनुकूल रहेंगे। शिक्षा क्षेत्र में आप बेहतर प्रदर्शन करेंगे। जीवनसाथी के साथ आपसी मतभेद से बचें।