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भगोड़े आईपीएस अरविंद सेन ने किया सेरेंडर, नौ फरवरी तक जेल भेजे गए

भगोड़े आईपीएस अरविंद सेन ने किया सेरेंडर Fugitive IPS Arvind Sen surrendered

भगोड़े आईपीएस अरविंद सेन ने किया सेरेंडर

लखनऊ। 50 हजार के भगोड़े ईनामी आईपीएस अरविंद सेन ने बुधवार को सेरेंडर कर दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने अरविंद सेन को नौ फरवरी तक जेल भेज दिया है। बता कि सेन ने कुर्की की कार्रवाई से बचने के लिए सरेंडर किया है।

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बता दें कि उत्तर प्रदेश के पशुधन विभाग में फर्जी टेंडर घोटाले के आरोपी भगोड़े आईपीएस अरविंद सेन यादव ने बुधवार को एंटी करप्शन कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। बता दें सोमवार को अरविंद सेन के वकील ने कोर्ट को सरेंडर करने का मौखिक आश्वासन दिया था। कोर्ट में सरेंडर के बाद अरविंद सेन यादव को कोर्ट ने 9 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

सोमवार को सीबीसीआईडी के तत्कालीन एसपी और वर्तमान डीआईजी अरविंद सेन की अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी। दरअसल गिरफ्तारी के डर से अरविंद सेन काफी दिनों से फरार चल रहे हैं। पुलिस ने लखनऊ और उनके पैतृक आवास अयोध्या में डुगडुगी पिटवा कर उन्हें फरार घोषित किया था। गिरफ्तारी के डर से उन्होंने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया।

उत्तर प्रदेश के पशु पालन विभाग में फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपी आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन के खिलाफ पशुपालन विभाग में ठेका दिलाने के नाम पर ठगी मामले में आरोपी लंबे समय से फरार चल रहे थे। इससे पहले अरविंद सेन के राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर स्थित घर पर पुलिस ने कुर्की का नोटिस चस्पा किया था।

पुलिस की अर्जी पर कोर्ट ने नोटिस किया चस्पा

पुलिस की अर्जी पर कोर्ट ने 24 दिसंबर को अरविंद सेन को भगोड़ा घोषित कर दिया था। हजरतगंज पुलिस टीम उसके गोमतीनगर के विराटखंड स्थित घर पर पहुंची. पुलिस ने आईपीएस अरविंद सेन के घर पर डुगडुगी पिटवाई थी। इसके अलावा घर नोटिस भी चस्पा किया था।

शासन ने किया था निलंबित

एसटीएफ की जांच में अरविंद सेन की भूमिका उजागर होने के बाद शासन ने उन्हें निलम्बित कर किया गया था। आरोपित अरविन्द सेन पर 50 हजार रुपये इनाम भी घोषित किया जा चुका था।

ये है पूरा मामला

पशुपालन विभाग में आपूर्ति के नाम पर इंदौर के व्यापारी से करोड़ों रुपये हड़पने के आरोपियों को बचाने के लिए 35 लाख रुपये लेने के आरोप हैं। इस मामले में हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज होने के बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। हालांकि लगातार फरार चलने की वजह से उन्हें भगोड़ा घोषित करते हुए पुलिस कुर्की की कार्रवाई में जुटी थी।

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