इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को भगोड़ा घोषित महोबा के निलंबित एसपी मणिलाल पाटीदार के वकील पर पांच लाख का जुर्माना लगा दिया। पाटीदार के वकील डॉ. मुकुट नाथ वर्मा की याचिका को आधारहीन और न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग मानते हुए कोर्ट ने ये निर्णय लिया।
साथ ही हाईकोर्ट ने दिल्ली बार काउंसिल से वकील के कृत्य पर भी निर्णय लेने को कहा है। कोर्ट ने आदेश दिया कि ये राशि एक माह में हाईकोर्ट के विधि कोष में जमा करवानी होगी। आदेश जस्टिस एसपी केशरवानी और जस्टिस पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने याची (पाटीदार के वकील) और राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल व अपर शासकीय अधिवक्ता आशुतोष कुमार संड को सुनकर दिया है।
याची अधिवक्ता ने याचिका दाखिल करके लखनऊ के हजरतगंज और प्रयागराज के कर्नलगंज इंस्पेक्टर को उसकी एफआईआर दर्ज करने व एफआईआर की कॉपी उपलब्ध कराने का निर्देश दिए जाने की मांग की थी। साथ ही सीबीआई को दोनों एफआईआर की विवेचना का निर्देश देने की मांग भी की थी। इसके अलावा मणिलाल पाटीदार से मुलाकात करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने की मांग भी वकील ने की थी।
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कोर्ट ने इसे न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग मानते हुए याची वकील पर जुर्माना लगाया है। अदालत ने मुकुट नाथ वर्मा की अर्जी को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के वकील वर्मा ने यूपी पुलिस पर मणिलाल पाटीदार को अवैध तरीके से हिरासत में रखने का आरोप लगाकर हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी।
उन्होंने यूपी के डीजीपी, एसीएस होम और प्रयागराज के एसपी क्राइम के खिलाफ एफआईआर दर्ज किये जाने की भी मांग की थी। आईपीएस मणिलाल पाटीदार के खिलाफ महोबा जिले में तीन एफआईआर दर्ज हैं। उन पर क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की हत्या की साजिश रचने का भी आरोप है।