झालावाड़। राजस्थान के झालावाड़ जिले में सरकारी स्कूल (School Accident) की जर्जर इमारत गिरने से मरे सभी सात बच्चों का शनिवार को गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान एक बच्ची के अंतिम संस्कार में टायरों का इस्तेमाल किया गया। इसके बाद प्रशासन पर मानवता को शर्मसार किए जाने से फिर सवाल खड़े हो गए हैं। बता दें कि पांच बच्चों के अंतिम संस्कार गांव में ही एक साथ हुए। वहीं दो बच्चों के अंतिम संस्कार अलग-अलग जगह पर हुए। इस दौरान पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी पूरी तरह से मौके पर डंटा रहा।
अंतिम संस्कार में दिखी प्रशासन की लापरवाही
सरकारी स्कूल (School Accident) में हुए इतने दर्दनाक हादसे के बाद भी स्थानीय प्रशासन ने अपनी लापरवाही की चरम सीमा पार कर दी। आज अंतिम संस्कार के दौरान एक बच्ची पायल के अंतिम संस्कार में बाइक और साइकिल के टायरों का इस्तेमाल किया गया। इससे प्रशासन फिर सवालों के घेरे में आ गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन अगर पहले ही ध्यान देता तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता। कई बार प्रशासन को इस इमारत की जर्जर हालत के बारे में बताया गया था, लेकिन लापरवाही के चलते ये हादसा हो गया।
गांव में मची चीख-पुकार
इस हादसे में अपनी जान गंवा बैठे बच्चों के शवों को देख कई मां अपना आपा खो बैठीं और अपने नैनिहालों को अर्थी पर जाते देख विलाप करती रहीं। साथ ही प्रशासन से न्याय को गुहार लगाती रहीं।
इस बीच मौके पर मौजूद रेंज के आईजी, जिला पुलिस अधीक्षक, जिला कलेक्टर सहित प्रशासन के अन्य अधिकारी परिजनों को ढांढस बांधते रहे। इस दौरान उचित कार्रवाई का भी आश्वासन दिया। जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौर ने कहा कि कहां पर कमी रही है उसको देखा जा रहा है और जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं।
जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ (District Collector Ajay Singh Rathore) ने बताया कि जिले में जर्जर इमारत के बारे में 20 जून को ही जानकारी ली गई थी। जहां भी सरकारी स्कूल जर्जर इमारत में चल रहे हैं, वहां से बच्चों को दूसरी जगह शिफ्ट करने के आदेश दिए गए थे। लेकिन इस स्कूल की तरफ से किसी भी तरह की कोई जानकारी प्रशासन को मुहैया नहीं करवाई गई। जांच लगातार जारी है, जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।