इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (IMPPA) ने FWICE (Federation of Western India Cine Employees) के खिलाफ एक बयान जारी कर इस बात का खंडन किया कि मेकर्स पर कुछ वर्कर्स का 440 करोड़ रुपये बकाया है। इस बयान में यह भी कहा गया कि उनपर लगाएं गए सभी आरोप फर्जी और झूठे हैं।
IMPPA के प्रेसिडेंट टीपी अग्रवाल ने FWICE के प्रेसिडेंट बीएन तिवारी को एक बयान जारी किया, जिसमें एक लीडिंग न्यूजपेपर की प्रेस कटिंग भी लगाईं गई है, जिसके द्वारा हफ्ता वसूली की न्यूज़ चलाई गई थी। यह पूरा मामला तब सामने आया जब आर्ट डायरेक्टर राजेश साप्ते ने FWICE के ऑडिटर राकेश मौर्य पर आरोप लगाते हुए आत्महत्या कर ली।
IMPPA द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है, “हम इसके साथ मिड-डे की एक प्रेस-कटिंग भी लगा रहे हैं जिसमें अन्य कुछ दावों के अलावा आपने यह भी दावा किया है कि आप जल्द ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले है ताकि रिकॉर्ड दिखाया जा सके कि वर्कर्स का लगभग 440 करोड़ रुपये बकाया है। हम आपको बता दें कि आपका यह दावा पूरी तरह से फर्जी और झूठा है, बिलकुल आपके पहले के फर्जी दावों की तरह है जिसमें 5 लाख वर्कर्स और 34 सहयोगी हैं ऐसा कहा गया था, इस मामले में हम पहले ही साबित कर चुके हैं कि आपके पास 50,000 से कम वर्कर्स और 22 सहयोगी हैं क्योंकि बाकी फर्जी सहयोगी हैं जैसा कि आपने अपने पहले के लेटर में इसे माना था।”
“जहां तक मेकर्स के बारे में आपका यह कहना है कि आपके लोगों का 440 करोड़ रुपये बकाया है। अब तक के सबसे बड़े और सबसे पुराने एसोसिएशन होने के नाते, हम आपके लोगों के किसी भी दावे से अवगत नहीं हैं क्योंकि आखिरी इनफार्मेशन 12 जून 2020 का था, जिसमें ऐसी कोई भी बात नहीं है, न तो इससे पहले की तारीख में और न ही उसके बाद की तारीख में। हमने आपके किसी भी वर्कर्स से अपने प्रोड्यूसर्स के खिलाफ इस दावे के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है और दूसरे प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन के साथ भी हमारी इस बारे में बात हुई, लेकिन उन्हें भी इस बात की जानकारी नहीं है कि आप किस वर्कर्स के पेमेंट के बारे में बात कर रहे हैं।
“इन बातों को मद्देनजर रखते हुए हम आपसे अनुरोध करते हैं कि कृपया मेकर्स के बारे में झूठ फैलाना बंद करें और साथ ही फिल्म इंडस्ट्री और FWICE के बारे में झूठे दावे ना करें।”