Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

अंतरिक्ष में भारत ने रचा एक और इतिहास, सफलतापूर्वक हुई गगनयान की पहली टेस्ट फ्लाइट

Gaganyaan

Gaganyaan

श्रीहरिकोटा। भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) ने अंतरिक्ष में बढ़ाया एक और कदम आगे बढ़ाते हुए एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इसरो ने शनिवार सुबह 10 बजे गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission) की पहली टेस्ट फ्लाइट की सफल लॉन्चिंग की है। टेस्ट फ्लाइट के जरिए आसमान में भेजा गया क्रू मॉड्यूल सफलतापूर्वक बंगाल की खाड़ी में लैंड कर गया। इसे रिकवर करने के प्रोसेस की शुरुआत हो गई है।

गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission) की पहली टेस्ट फ्लाइट को लेकर इसरो चीफ एस सोमनाथ (S Somnath) ने कहा, ‘मुझे इस बात का ऐलान करते हुए खुशी हो रही है कि गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट TV-D1 Mission सफल रही है। इस मिशन का मकसद क्रू एस्केप सिस्टम की जांच करना था।’ उन्होंने बताया कि आसमान में जाने के बाद क्रू एस्केप सिस्टम एक्टिव हुआ। इसने क्रू मॉड्यूल को रॉकेट से अलग किया। इसके बाद क्रू मॉड्यूल के पैराशूट ओपन हुए। फिर से समुद्र में जाकर लैंड कर गया।

इसरो चीफ आगे कहा कि हमारे पास इससे जुड़ा सभी डेटा आ गया है। अब हम क्रू मॉड्यूल को रिकवर करने के लिए समुद्र में जहाज भेजे गए हैं। अभी तक मौजूद डेटा के मुताबिक हर चीज बिल्कुल सही रही है।

Gaganyaan Mission: टीवी-डी1 की पहली उड़ान भरने से रोका, ISRO अध्यक्ष ने बताई ये वजह

बता दें कि गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission) की पहली टेस्ट फ्लाइट सतीश धवन स्पेस सेंटर से सुबह 8 बजे लॉन्च होने वाली थी, लेकिन लॉन्च होल्ड पर कर दी गई थी। लॉन्चिंग से पांच सेकंड पहले लॉन्चिंग को होल्ड किया गया। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने इसके पीछे खराब मौसम को बताया।

चंद्रयान-3 मिशन के बाद गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission) को भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो 2025 में लॉन्च करने वाली है। इस मिशन के जरिए पृथ्वी की निचली कक्षा तक इंसानों को पहुंचाना होगा।  पृथ्वी की सतह से निचली कक्षा की दूरी 400 किमी है। यहां से स्पेस शुरू हो जाता है। ये भारत का पहला ऐसा स्पेस मिशन होगा, जिसमें वह इंसानों को स्पेस में भेजेगा।

Exit mobile version