ज्योतिषविद देवगुरु बृहस्पति के गोचर को बहुत शुभ मानते हैं। देवगुरु बृहस्पति की चाल लोगों के जीवन को प्रभावित करती है। अभी देवगुरु चंद्रमा के स्वामित्व वाली राशि कर्क में अतिचारी अवस्था में गोचर कर रहे हैं। 18 अक्टूबर को देवगुरु का प्रवेश कर्क राशि में अतिचारी अवस्था में ही हुआ था। देवगुरु पांच दिसंबर तक कर्क राशि में रहने वाले हैं। इस परिवर्तन की वजह से देवगुरु हर दिन किसी न किसी ग्रह के साथ मिलकर शुभ-अशुभ राजयोग बनाते हैं।
वहीं 10 नवंबर को दोपहर 01 बजकर 02 मिनट पर चंद्रमा अपनी राशि कर्क में प्रवेश करेंगे, जिसके बाद देवगुरु बृहस्पति चंद्रमा के साथ मिलकर गजकेसरी योग (Gajkesari Yog) बनाएंगे। देवगुरु बृहस्पति कर्क राशि में आकर पहले से ही हंस महापुरुष राजयोग बना चुके हैं। वहीं गजकेसरी योग के बनने से इन तीन राशि के जातकों को जीवन में शुभ फल प्राप्त हो सकते हैं। इनका भाग्य चमक सकता है।
मेष राशि
गजकेसरी योग (Gajkesari Yog) मेश राशि के जातकों के लिए बड़ा ही फायदेमंद साबित हो सकता है। इस दौरान मेष राशि के जातकों को भाग्य का साथ मिलना शुरू हो सकता है। इस दौरान बेरोजगार जातकों को रोजगार की प्राप्ति हो सकती है। आय में बढ़ोतरी हो सकती है। पारिवारिक जीवन सुखद रहने वाला है।
कर्क राशि
कर्क राशि में ही गजकेसरी योग (Gajkesari Yog) बनने वाला है। ये योग कर्क राशि के जातकों के लिए बहुत शुभ साबित हो सकता है। इस दौरान कर्क राशि के जातक मानसिक रूप से मजबूत हो सकते हैं। इस दौरान महत्वपूर्ण निर्णय ले सकते हैं। करियर से जुड़ी हुई परेशानियां खत्म हो सकती हैं। साथ ही करियर में नई दिशा मिल सकती है। धन-धान्य की स्थिति भी पहले से बेहतर हो सकती है।
कन्या राशि
गजकेसरी योग (Gajkesari Yog) कन्या राशि के जातकों के लिए बहुत लाभकारी साबित हो सकता है। इस दौरान कारोबारी जातकों को धन का लाभ हो सकता है। कारोबार में कोई बड़ी डील हाथ लग सकती है। इस दौरान ख्याति बढ़ सकती है। सामाजिक स्तर पर सक्रिय रह सकते हैं।









