• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

शिक्षा के गाँधी ने बदल दी प्रदेश की तस्वीर 

Writer D by Writer D
09/03/2022
in Main Slider, शिक्षा
0
14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

डॉ अजय कुमार मिश्रा

उत्तर प्रदेश विभिन्नताओं का प्रदेश रहा है । इस धरती पर अनेकों बड़ी हस्तियाँ रही है और अब भी है । देश को सबसे अधिक प्रधानमंत्री देने वाला प्रदेश उत्तर प्रदेश रहा है । जब शिक्षा (Education) की बात आती है तो कई ऐसी बातें आती है जिनमे सरकार और निजी क्षेत्र की भूमिका अपने आप में दिखने लगती है और कही व्यापक प्रभाव दीखता है तो कही शिक्षा का प्रचार – प्रसार और पहुँच आज भी लोगों तक नाम मात्र है । यह तो बात हुई शिक्षा की पहुच की पर अलग-अलग बोर्ड और प्रतियोगिताओं के आधार पर मूल्यांकन करने पर प्रदेश के युवा अपेक्षाकृत काफी पीछे है ।

वजह स्पष्ट है की आज भी शिक्षा के प्रति संस्थानों और उनके प्रबंधकों में समर्पण और आन्तरिक संलग्नता की भावना का अभाव है । उत्तर प्रदेश सरकार की अधिकारिक वेबसाइट पर प्रदर्शित आकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश की साक्षरता दर 69.72 प्रतिशत है यानि की 30.28 प्रतिशत लोग अभी भी अनपढ़ है । सरकारी नियंत्रण और पारदर्शी नियुक्ति के लिए अब कई भर्तियां राष्ट्रिय स्तर की परीक्षा के माध्यम से की जा रही है । ऐसे में योग्यता को मापने के कई मानकों पर खरा उतरना जरुरी होता है । आज जहाँ निजी संस्थानों का बोलबाला है वही कोचिंग संस्थानों ने अपनी गहरी पैठ भी बना लिया है । पर  इन सब के मध्य सभी को बेहतर शिक्षा की आवश्यकता है, इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता और सभी इसके लिए भारी धन का भुगतान करने के लिए भी तत्पर है । इसके पश्चात् भी उस शिक्षा से सफलता मिल जाये इसकी कोई ग्यारंटी नहीं है । पर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक महान सख्सियत ऐसे है जिन्होंने न केवल शिक्षा की आवश्यकताओं को दशकों पहले समझा बल्कि अपने कठिन परिश्रम से यह प्रमाणित किया है की प्रदेश का नाम विश्व के कोने – कोने में हो रहा है ।

शिक्षा विभाग ने तैयार की नई ट्रांसफर पॉलिसी

सरल, सौम्य, प्रभावशाली, कठिन परिश्रमी, धैर्यवान, सबकी आवश्यकताओं को समझने वाले, शिक्षा की न केवल आज की बल्कि भविष्य की जरूरतों के अनुरूप नीति निर्धारित करने वाले, वैश्विक शैक्षिक तकनिकी का प्रयोग करने वाले, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अमिट पहचान बनाने वाले शिक्षा के गाँधी है श्री जगदीश गाँधी जी । 86 वर्ष की उम्र में शिक्षा के प्रति उनका तीव्र प्रेम, उत्साही और अपनी पहचान बनाने के लिए प्रतिबद्ध नव-युवकों को भी काफी पीछे छोड़ देता है । एक दो नहीं बल्कि अनेकों राष्ट्रिय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मान इस बात की पुष्टि करते है की आप शिक्षा के गाँधी है । शिक्षा के प्रति उनके तीव्र प्रेम को इस बात से समझा जा सकता है की वर्ष 1959 में जब उन्होंने सीएमएस स्कूल की स्थापना की थी उस समय मात्र 5 छात्र थे अब यह स्कूल छात्रो की संख्या के मामले में एशिया का सबसे बड़ा स्कूल है और 56 हजार से अधिक छात्र साथ है । स्कूल की 18 शाखाएं लखनऊ में है । अलीगढ (उत्तर प्रदेश) में जन्म लेने वाले गाँधी जी आज वैश्विक स्तर पर लखनऊ को एक नई पहचान देने में सार्थक योगदान लगातार कर रहे है । एक जन सामान्य भी उम्मीदों के साथ अपने बच्चों को प्रतिभा दिखाने और निखारने की बात इस स्कूल के माध्यम से सोच सकता है ।

वर्ष 2021: शिक्षा और कोविड-19

गाँधी जी की हाई-स्कूल की पढ़ाई जी.एस. कॉलेज सिकंदरा राव अलीगढ , इंटरमिडिएट की पढ़ाई चंपा अग्रवाल कॉलेज मथुरा और बैचलर ऑफ़ कॉमर्स की पढ़ाई लखनऊ यूनिवर्सिटी से है । यह योग्यता भले ही असाधारण न हो पर अपने जुझारूपन और समाज को कुछ बेहतर देने की सोच ने इन्हें आज समाज के हर तबके में असाधारण बना दिया है । वर्ष 2014 में उत्तर प्रदेश सरकार ने इन्हें यश भारती सम्मान से नवाजा है । महात्मा गाँधी ने जिस तरह से देश की आजादी के लिए संघर्ष किया वह अपने आप में विश्व भर में आज भी उसकी स्वतंत्र मान्यता है ठीक उसी तरह जगदीश गाँधी जी शिक्षा के क्षेत्र में जितनी सिद्दत से कार्य कर रहे है वह सर्वमान्य है । जगदीश गाँधी जी वास्तव में अग्रवाल फेमिली से है । महात्मा गाँधी जी की तरह आपके अंदर भी कुछ खास देश के लिए करने की ललक ने शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर स्थापित कर दिया है । जगदीश गाँधी जी ने महात्मा गाँधी की असामयिक मृत्यु की खबर सुनने के पश्चात् अपने सर नेम में स्थायी परिवर्तन कर दिया अग्रवाल की जगह गाँधी बनकर समाज को एक नयी दिशा देने के लिए प्रतिबद्ध हो गए । यही से शुरुआत हुई शिक्षा के गाँधी की जिसने शिक्षा के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाया बल्कि प्रतिभा को निखारकर उन्हें योग्य बनाया । महात्मा गाँधी, जगदीश गाँधी के लिए मुख्य प्रेरणास्रोत रहे है ।

जीवन में उच्च शिक्षा का सर्वाधिक महत्व : मुख्य सचिव

कई संस्थान और मीडिया हाउस इन पर कई आरोप भी लगाते है और व्यवसायीकरण की बात भी करते है पर जब आप स्वतंत्र रूप से इनके संस्थान, कार्यरत लोगों से मिलना, नीति नियम को समझने, और आन्तरिक ढ़ाचे को जानने का प्रयास करते है तो इन पर लगाये गए सभी आरोप बेबुनियाद दिखेगे । शिक्षा के क्षेत्र में 6 दशकों से अधिक समय से ठीक उसी तरह कार्य कर रहे है जिस तरह संसार में अपने तय समय पर सूर्य उदय होकर प्रकाश दर्शाता है । व्यक्ति की सोच और उद्देश्य सकारात्मक हो तो उस संगठन को आगे बढ़ाने वाले लोग भी प्रतिबद्ध हो जाते है । जितनी संलग्नता सीएमएस स्कूल के अधिकारीयों और कर्मचारियों में दिखाई पड़ती है उतनी सामान क्षेत्र में कार्यरत अन्य में नहीं । इसके पीछे का कारण यह है की चुनाव सही हुआ है । विगत के वर्षो के योगदान और उपलब्धियों के मूल्यांकन के पश्चात् यह आसानी से कहा जा सकता है की आप शिक्षा के गाँधी है जिन्होंने आम आदमी को बड़े सपनों को न केवल देखने का रास्ता बताया बल्कि सपनों को साकार कर अन्य सभी लोगों को प्रेरित भी किया है की शिक्षा से समाज और आर्थिक विकास के जरिये आम आदमी का जीवन कैसे बदला जा सकता है ।

प्रकाशवान व्यक्तित्व और उनकी कार्य प्रणाली को न केवल सभी को सीखना चाहिए बल्कि अपने व्यवहार में लाकरके जिस भी क्षेत्र में आप कार्य कर रहे है उसमे प्रयोग करके आगे बढ़ना चाहिए । जगदीश गाँधी जी की 6 दशक से अधिक की यात्रा, युवाओं के जीवन में लाये गए बड़े परिवर्तन के’ लिए और पर्तिदिन प्राप्त की गयी शिक्षा के क्षेत्र में नयी उपलब्धियों के आधार पर कहा जा सकता है की केंद्र सरकार को शिक्षा में इनके अभूतपूर्व योगदान के लिए भारत की सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से इन्हें सम्मानित किया जाना चाहिए । क्योंकि किसी एक व्यक्ति का जीवन बदलना भी मुश्किल है जबकि जगदीश गाँधी जी ने अपने कठिन परिश्रम से लाखों बच्चों का जीवन बदल कर सामाजिक स्तर पर हर क्षेत्र के विकास में सहयोग लगातार कर रहे है ।

Tags: education policyeducation policy 2022-23new education policy
Previous Post

अब नए नियमों के साथ खेला जाएगा आईपीएल 2022

Next Post

यूपी बोर्ड 10वीं का टाइम टेबल हुआ जारी, परीक्षा 24 मार्च से 12 अप्रैल तक

Writer D

Writer D

Related Posts

Corn Paratha
खाना-खजाना

ब्रेकफास्ट में शामिल करें कॉर्न पराठा, स्वाद के साथ मिलेगी सेहत

02/11/2025
kaju sabji
Main Slider

मेहमानों को सर्व करें काजू की सब्जी, सभी करेंगे आपकी तारीफ

02/11/2025
noodle cutlets
खाना-खजाना

स्नैक्स में बनाएं नूडल कटलेट, बढ़ जाएगा शाम की चाय का स्वाद

02/11/2025
Besan Gatte
Main Slider

आज बनाएं ये स्पेशल राजस्थानी सब्जी, देखें रेसिपी

02/11/2025
Agarbatti
Main Slider

इस दिन न जलाएं अगरबत्ती, वरना खो जाएगा धन-वैभव

02/11/2025
Next Post
up 10th exams

यूपी बोर्ड 10वीं का टाइम टेबल हुआ जारी, परीक्षा 24 मार्च से 12 अप्रैल तक

यह भी पढ़ें

गुजरात भाजपा में मचा जबरदस्त घमासान, टला आज का शपथ ग्रहण समारोह 

15/09/2021
Propose Day

Propose Day पर ऐसे करें अपने प्यार का इजहार, उनकी ना हां में बदल जाएगी

08/02/2024
UP GIS

UP GIS में सहभागी देश बनेंगे मैक्सिको व थाइलैंड

28/10/2022
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version