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कब है गणेश चतुर्थी, मूर्ति स्थापना करते समय दिशा का रखें ध्यान

Ganesh Chaturthi

Ganesh Chaturthi

हर साल भाद्रपद महीने में गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का उत्सव बड़े धूम-धाम से देखने को मिलता है। भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। गणेश पुराण व स्कन्द पुराण के अनुसार, गणेश जी का जन्म भाद्रपद महीने के दौरान शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर हुआ था। किसी भी पूजा या अनुष्ठान का आरम्भ करने से पहले भगवान गणेश को पूजा जाता है। इस साल गणेश चतुर्थी पर कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। आइए ज्योतिषाचार्य से जानते हैं गणेश चतुर्थी की सही तिथि, मुहूर्त व मूर्ति स्थापना से जुड़ी कुछ जरूरी बातें-

कब है गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) ?

ज्योतिषाचार्य पंडित आशुतोष त्रिवेदी ने बताया कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 7 सितंबर को संध्याकाल 5 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि अनुसार, 7 सितंबर को गणेश चतुर्थी व्रत रखा जाएगा व मूर्ति स्थापना की जाएगी।

गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का शुभ मुहूर्त

दृक पंचांग के अनुसार, गणेश चतुर्थी पर ब्रह्म, सर्वार्थ सिद्धि योग व इन्द्र योग के साथ चित्रा एवं स्वाती नक्षत्र का निर्माण भी हो रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान गणेश का जन्म मध्याह्न काल के दौरान हुआ था। इसीलिए मध्याह्न के समय को गणेश पूजा के लिये अति उत्तम माना जाता है। दृक पंचांग के अनुसार, 7 सितंबर को मध्याह्न गणेश पूजा मुहूर्त 11:03 ए एम से 01:34 पी एम तक रहेगा, जिसकी अवधि – 02 घण्टे 31 मिनट्स है। वहीं, गणेश विसर्जन 17 सितंबर के दिन किया जाएगा।

मूर्ति स्थापना करते समय दिशा का रखें ध्यान

अगर आप भी गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) पर भगवान गणेश की मूर्ति घर ला रहे हैं या स्थापना करते रहते हैं तो दिशा का ध्यान जरूर रखें। ज्योतिष विद्या के अनुसार, भगवान की मूर्ति सही दिशा में व सही विधि से स्थापित करना महत्वपूर्ण माना जाता है। आचार्य श्याम पांडेय ने बताया कि वास्तु शास्त्र के अनुसार, भगवान गणेश की मूर्ति को घर के ईशान कोण अर्थात् उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करना चाहिए। यदि ईशान कोण में रिक्त स्थान उपलब्ध ना हो तो मूर्ति को पूर्व, पश्चिम या उत्तर दिशा में भी स्थापित कर सकते हैं।

महाराष्ट्र में इस त्योहार का खास महत्व है। बड़े ही धूम-धाम से गाजे-बाजे के साथ गणेश चतुर्थी पर गणपती जी की मूर्ति लोग घर लाते हैं। गणेश जी की मूर्ति की स्थापना के समय तक उपवास भी रखा जाता है। यह त्योहार 10 दिनों तक चलता है। पूरे विधि-विधान के साथ गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है। फिर अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा की विदाई की जाती है।

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