भगवान गणेश (Ganesh) के जन्मोत्सव को गणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विघ्नहर्ता भगवान गणेश का जन्मोत्सव मनाया जाता है। यह तिथि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अगस्त या सितंबर के महीने में पड़ती है।
साल 2025 में गणेश चतुर्थी का पर्व 27 अगस्त, बुधवार के दिन से प्रारंभ हो रहा है। अगले 10 दिनों तक यह पर्व चलेगा और अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन के साथ इस पर्व का समापन होगा।
गणेश स्थापना (Ganesh Sthapana) और पूजा मुहूर्त
गणपति स्थापना (Ganesh Sthapana) के लिए मध्याह्न के समय को उपयुक्त माना जाता है। भगवान गणेश का जन्म मध्याह्न काल के दौरान हुआ था इसलिए गणेश पूजा या गणेश स्थापना इस समय ही करें।इस दौरान पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करें।
गणेश स्थापना (Ganesh Sthapana) विधि
– गणेश जी की पूजा में सबसे पहले आवाहन करें। इसमें भगवान गणेश की प्रतिमा के सम्मुख आवाहन-मुद्रा का आवाहन करें।
– आवाहन मंत्र पढ़ते हुए भगवान गणेश की मूर्ति में प्राण-प्रतिष्ठा करें।
– आवाहन और प्रतिष्ठापन के बाद मंत्र पढ़ते हुए भगवान गणेश को आसन के लिए 5 पुष्प अर्पित करें।
– आसन समर्पण के बाद मंत्र पढ़ते हुये भगवान गणेश को चरण धोने के लिए जल समर्पित करें।
– इसके बाद आचमन के लिए भगवान गणेश को जल समर्पित करें।
– आचमन समर्पण के बाद मंत्र पढ़ते हुए भगवान गणेश को जल से स्नान कराएं।
– जल से स्नान के बाद भगवान गणेश को पंचामृत से स्नान कराएं।
– पंचामृत से स्नान के बाद भगवान गणेश को दूध से स्नान कराएं।
– इसके बाद भगवान गणेश को दही, घी, शहद,शक्कर,सुगन्धित तेल से स्नान कराएं,शुद्ध जल से स्नान करायें,
– मोली के रूप में वस्त्र समर्पित करें, यज्ञोपवीत समर्पित करें, सुगंधित द्रव्य समर्पित करें, अक्षत समर्पित करें।
– भगवान गणेश को पुष्प माला समर्पित करें, शमी पत्र,दूर्वा।
– भगवान गणेश को तिलक के लिये सिन्दूर समर्पित करें,भगवान गणेश को धूप समर्पित करें।
– भगवान गणेश को दीप समर्पित करें,नैवेद्य समर्पित करें,चन्दन युक्त जल,पान, सुपारी,समर्पित करें।