उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में फर्जी नोटों का धंधा करने वाले शातिर गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने एक सिपाही और उसके गिरोह के पांच अन्य सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक (एसपी) एस.आनंद ने बताया कि बंडा थाना पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर गांव में सामान्य मूर्ति को अष्टधातु निर्मित बताकर उसका सौदा कर रहे दो लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने उनकी निशानदेही पर गिरोह के चार अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार किया।
उन्होंने बताया कि पकड़े गए लोगों में उत्तर प्रदेश पुलिस का एक निलंबित सिपाही संजीव कुमार भी शामिल है जो वर्ष 2010 में शाहजहांपुर में तैनाती के दौरान एक एटीएम लूट कांड में शामिल था। अधिकारी ने बताया कि उसके बाद वर्ष 2013 में भी उसने स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप का सिपाही बनकर शाहजहांपुर में एक और लूट की वारदात को अंजाम दिया था।
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आनंद ने बताया कि आरोपी संजीव कुमार पिछले 10 वर्षों से निलंबित है और वर्तमान में वो मुरादाबाद राजकीय रेलवे पुलिस से संबद्ध है। मगर वो शाहजहांपुर में रहकर आपराधिक वारदात को अंजाम दे रहा है। उन्होंने बताया कि उसके साथ पकड़े गए अन्य लोगों के नाम रामकिशन, शांति स्वरूप, राकेश कुमार, सर्वेश कुमार और राकेश हैं।
एस.आनंद ने बताया कि गिरफ्तार लोग जाली नोटों का सौदा करते थे और मूल्य से दोगुने नोट देते थे। उन्होंने बताया कि बाद में जब व्यक्ति नोट लेकर जाता था तब निलंबित सिपाही और उसके दो साथी पुलिसकर्मियों की वर्दी में खरीदार को रास्ते में पकड़ लेते थे और डरा-धमका कर उससे वो नोट ले लेते थे।
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पुलिस ने आरोपियों के पास से आधा दर्जन अवैध असलहा, बड़ी मात्रा में जाली करेंसी नोट और नकली अष्टधातु की मूर्ति बरामद की है।