उत्तर प्रदेश के महराजगंज पुलिस व साइबर सेल ने इंडो-नेपाल बार्डर से सटे महराजगंज जिले के पते से विदेशी नागरिकों का फेक एड्रेस पर आधार कार्ड बनाने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस रैकेट से जुड़े तीन साइबर जालसाजों को भी गिरफ्तार किया है। चौंकाने वाली बात यह है कि पोस्ट आफिस से अटैच सेंटर से विदेशियों का आधार कार्ड बनाया जा रहा था। दस हजार रुपये की दर से सौ से अधिक विदेशी नागरिकों का आधार कार्ड यह गैंग बनवा चुका है। अब खुलासा होने से गोरखपुर से लेकर सोनौली बार्डर तक हड़कंप मच गया है।
पुलिस कार्यालय में रविवार को एसपी प्रदीप गुप्ता ने राष्ट्रीय सुरक्षा में सेंध लगाने वाले अति संवेदनशील साइबर अपराध का पर्दाफाश किया। उन्होंने बताया कि तीन आरोपितों के पास से 60 हजार रुपया नगद, 13 ग्राम पंचायत की मोहर के अलावा आधार कार्ड बनाने वाले उपकरण लैपटाप, स्कैनर, प्रिंटर, फिंगर स्कैनर, रेटिना स्कैनर आदि बरामद किए गए हैं। तीनों आरोपितों के खिलाफ जालसाजी व आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।
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एसपी प्रदीप गुप्ता ने बताया कि मुखबिर के जरिए सूचना मिली थी कि भारत-नेपाल के सोनौली सीमा पर विदेशी नागरिकों का फेक एड्रेस से आधार कार्ड बनाने का गिरोह संचालित है। इसके खुलासे के लिए साइबर सेल के अलावा सभी सीमावर्ती थानों की पुलिस व गोरखपुर हाइवे पर स्थित पुलिस स्टेशन को सतर्क किया गया था। रविवार को फरेंदा कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक गिरिजेश उपाध्याय व साइबर सेल के प्रभारी मनोज कुमार पंत रविवार को फरेंदा दक्षिणी बाइपास पर मौजूद थे। उसी दौरान मुखबिर के जरिए सूचना मिली कि गोरखपुर के कैम्पियरगंज थाना क्षेत्र के भौराबारी चौराहे से एक टेम्पो में नेपाली नागरिक आ रहे हैं। यह सभी अपना फर्जी आधार कार्ड बनवाने गए थे। इस रैकेट का संचालन सोनौली से हो रहा है। टेम्पो को रोककर जांच शुरू की गई। चालक ने अपना नाम अमरनाथ पता सोनौली का गौतमबुद्धनगर वार्ड बताया।
उसने स्वीकार किया कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर नेपाली नागरिकों का आधार कार्ड बनाया जा रहा है। उसका काम सिर्फ नेपाली नागरिकों को सोनौली से आधार कार्ड सेंटर तक पहुंचाने का था। इसके बदले प्रत्येक ट्रिप पर उसे पन्द्रह सौ रुपये मिलते थे। टेम्पो में चार नेपाली महिलाएं व दो नेपाली नागरिक सवार थे। पुलिस टीम ने महिला आरक्षियों के साथ सभी को पकड़ पूछताछ के लिए थाने पर ले गई। इसके बाद पुलिस ने विमलेश विश्वकर्मा निवासी भौराबारी थाना कैम्पियरगंज जिला गोरखपुर व दिलशाद निवासी वार्ड नम्बर 11 थाना सोनौली को गिरफ्तार कर लिया।
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विमलेश की भौराबारी चौराहे पर विश्वकर्मा मोबाइल केयर दुकान है। एक डाक घर से उसका आधार कार्ड बनाने का कनेक्शन है। दिलशाद सोनौली का रहने वाला है। वह सोनौली में इंडो-नेपाल मनी ट्रांसफर का काम करता है। वहीं से वह नेपाली नागरिकों से दस हजार रुपया लेकर उनका महराजगंज जिले के पते पर आधार कार्ड बनवा रहा था। उसी के नेटवर्क में विमलेश व अमरनाथ जुड़े थे। पुलिस ने अमरनाथ, विमलेश व दिलशाद को गिरफ्तार कर लिया। तीनों ने बताया कि अभी तक सौ से अधिक नेपाली नागरिकों का आधार कार्ड बनवा चुके हैं। इस आधार कार्ड के जरिए नेपाल का नागरिक होते हुए भी नेपाली भारत सरकार के योजनाओं का लाभ ले रहे थे। एसपी प्रदीप गुप्ता ने बताया कि तीनों को जेल भेज दिया गया।
एसपी ने बताया कि रैकेट के तीन सदस्यों ने पूछताछ में बताया कि वह फर्जी दस्तावेज के आधार पर नेपाली नागरिकों का महराजगंज जिले के पते का आधार कार्ड बनवाने के लिए प्रत्येक नेपाली नागरिक से दस हजार रुपया में डील करते थे। प्रकरण में धोखाधड़ी, अपराधिक षड्यंत्र समेत कई गंभीर धाराओं के अलावा आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई कर तीनों आरोपितों को जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने कहा है कि जांच में इस रैकेट से जुड़े जितने भी लोगों का नाम सामने आएगा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।