उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती ज़िले में 33 साल बाद गुरुवार को गैंगरेप एक पीड़िता को न्याय मिला है। दो महिलाओं सहित पांच आरोपियों में चार लोगों की पहले ही हो चुकी है मौत। एक महिला आरोपी को कोर्ट ने आज पांच साल की सजा सुनाई और 15000 का अर्थदण्ड लगाया ।
वर्ष 1988 में 12 साल की एक नाबालिग के साथ हुई थी गैंगरेप की वारदात।
अभिजोयन पक्ष के अनुसार सिरसिया इलाके के फुलरहवा गांव की रहने वाली पीड़िता वर्ष 1988 में भिनगा कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत लालपुर महरी गांव में अपने मामा की शादी में आई थी।
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जहां गांव की दो महिलाएं उसे शौच जाने के बहाने बहला कर ले गई थी। वहां पहले से मौजूद तीन लोग उसे उठा ले गए और उसके साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया था।
पीड़िता के परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने दो महिला सहित पांच लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 363, 366 और 376 के तहत मुकदमा दर्ज किया था। जिसकी सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश श्रावस्ती के कोर्ट पर चल रही थी। मुकदमे के दौरान एक महिला सहित 4 आरोपियों की मौत हो चुकी है। 33 साल बाद अपर सत्र न्यायधीश ने जीवित बची आरोपी महिला रामावती को धारा 363 में तीन वर्ष व पांच हजार रुपये अर्थदंड, जबकि धारा 366 में पांच वर्ष की सजा व दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाया है। दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी।