हिंदू धर्म में मां गंगा को पाप नाशिनी, मोक्ष दायिनी माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि ‘गंगा तव दर्शनात् मुक्ति’, यानी कि गंगा के दर्शन मात्र से ही मुक्ति मिल जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार,गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) के दिन ही मां गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थी। गंगा जल को उसके गुणों के कारण अमृत के समान माना गया है। गंगा में स्नान और फिर दान करने का विशेष फल बताया गया है। प्रचीन परंपराओं के अनुसार, गंगा दशहरा पर गंगा में स्नान करने और गंगाजल को घर में लाने की परंपरा है।
इस साल 16 जून को गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन स्नान-दान के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 8 मिनट से सुबह 10 बजकर 37 मिनट तक रहेगा।
मां गंगा मंत्र
ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः’
ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः’
गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) के दिन गंगा स्नान करने मात्र से ही सात जन्मों के पाप मिट जाते हैं। इस बात का उदाहरण राजा सगर के 60 हजार पुत्रों को मिला मोक्ष है। इस वजह से ही मां गंगा को मोक्षदायिनी यानि मोक्ष प्रदान करने वाली कहा गया है। पूजा के दौरान गंगा चालीसा व गंगा स्तुति का पाठ करें और शाम के समय मां गंगा की आरती जरूर करें।
इस विशेष दिन पर भगवान शिव की विधिवत उपासना करने से भी विशेष लाभ प्राप्त होता है और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। इस विशेष दिन पर पितरों को तर्पण प्रदान करने से भी लाभ प्राप्त होता है।