सोमवार की सुबह गंगा का जलस्तर 71.38 मीटर दर्ज किया गया। इसके बाद गंगा के जलस्तर में शाम छह बजे तक एक से डेढ़ सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ाव जारी रहा।
शाम को छह बजे के बाद गंगा में बढ़ाव तेज हो गया और रफ्तार दो सेंटीमीटर प्रति घंटा हो गया। सात बजे तक गंगा का जलस्तर 71.55 मीटर पहुंच गया। चार अगस्त को कोटा बैराज धौलपुर से 22 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद चंबल नदी के जलस्तर में नौ मीटर तक वृद्धि हो गई है। इससे जुड़ी यमुना में छह मीटर बढ़ाव दर्ज किया गया है।
शवदाह करने वालों की बढ़ी मुश्किलें
मणिकर्णिका घाट पर शवदाह करने वालों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। गलियों तक पानी भर जाने के कारण नावों के जरिए शवों को घाट तक ले जाना पड़ रहा है। मणिकर्णिका घाट का निचला इलाका जलमग्न होने के कारण छतों पर ही शवदाह किया जा रहा है। वहीं हरिश्चंद्र घाट पर सीढ़ियां भी डूब गई हैं। गलियों और ऊंचे स्थानों पर शवदाह कराया जा रहा है।
गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण सामनेघाट की कॉलोनियों की ओर गंगा बढ़ने लगी हैं। नगवां से लेकर सामनेघाट, मलहिया, रमना तक पानी घुस गया है। लोग राहत शिविरों में पहुंचने लगे हैं। वहीं कुछ लोगों ने अपने परिवार को गांव या रिश्तेदारों के घर सुरक्षित पहुंचा दिया है। नगवां गंगोत्री विहार लेन नंबर एक , संगमपुरी, महेश नगर के निचला हिस्सों में पानी घुस गया।
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बाढ़ प्रभावित ढाब क्षेत्र का सोमवार को जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने निरीक्षण किया। उन्होंने प्राथमिक विद्यालय में शरण लिए हुए बाढ़ प्रभावितों का हाल जाना और समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने गोबरहा में स्थापित बाढ़ चौकी पर कोई कर्मचारी मौजूद नहीं होने पर नाराजगी जताई। स्वास्थ्य केंद्र पर डाक्टर व फार्मासिस्ट मौजूद नहीं होने पर चिकित्साधिकारी डॉ. अमित सिंह को तत्काल डाक्टर भेजने का निर्देश दिया। रामचंदीपुर के नखवा पहुंचे जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान पति प्रमोद निषाद को पशुओं को चारे व बाढ़ से प्रभावितों को भोजन की व्यवस्था कराने का निर्देश दिया।
नाद व गोमती नदी के कहर से अब पिपरी गांव के लोग घर छोड़कर बाहर जाने लगे हैं। यहां दो नावों का संचालन मठिया गांव से किया जा रहा है। गोमती नदी का पानी धौरहरा गांव में कहर बरपा रहा है। भगवानपुर, कुर्सियां, टेकुरी, लक्ष्मीसेनपुर आदि गांव पानी सेघिरा गए हैं। वहीं गंगा के पानी में बढ़ाव से कैथी, ढकवां, चंद्रावती, मुरीदपुर, गौरा उपरवार, शिवदशां गांवों के लोगों की परेशानी बढ़ गई है।