स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने गैंगस्टर छोटा राजन को दो साल की सजा सुनाई है। साल 2015 में छोटा राजन के उपर पनवेल के बिल्डर नंदू वाजेकर को धमका कर 26 करोड़ की एक्सटॉर्शन मनी मांगने का आरोप है।
2015 में नंदू वाजेकर ने पुणे में एक जमीन खरीदी थी जिसके एवज में एजेंट परमानंद ठक्कर (जो की वांटेड है) को 2 करोड़ रुपए कमीशन के रूप में देना तय हुआ था पर ठक्कर को और पैसे चाहिए थे जो कि वाजेकर को मंजूर नहीं थे। जिसके बाद ठक्कर ने छोटा राजन से संपर्क साधा और बिल्डर को धमका कर दो करोड़ से ज्यादा की रकम वसूलने का आग्रह किया।
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आपको बता दें कि इस मामले में छोटा राजन ने अपने कुछ लोगों को वाजेकर के कार्यालय भेजा और उसे धमकी देना शुरू किया। लेकिन उन लोगों ने दो करोड़ के बदले वाजेकर से 26 करोड़ की मांग कर ली और वाजेकर को जान से मारने की धमकी दी। इन्हीं सब से डरने के बाद वाजेकर ने पनवेल पुलिस को इस बात की शिकायत की थी जिसके बाद पुलिस ने एक्सटॉर्शन का मामला दर्ज किया था।
इस मामले में चार आरोपी है जिनके नाम सुरेश शिंदे उर्फ लक्ष्मण, निकम उर्फ दादया, सुमित विजय मात्रे और छोटा राजन। वहीं, पुलिस अब भी एजेंट परमानेंट ठक्कर की तलाश कर रही है।
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पुलिस के पास बिल्डर के ऑफिस के सीसीटीवी फुटेज है जो यह बताती है कि आरोपी उसके ऑफिस गए थे साथ ही पुलिस को इनके कॉल रिकॉर्डिंग भी मिले हैं जिसमें छोटा राजन बिल्डर को धमकी दे रहा है। छोटा राजन को भारत लाने के बाद उस पर लगे सारे मामले सीबीआई को ट्रांसफर हो गए थे। उसी में से यह एक मामला भी है यह मामला पनवेल में रजिस्टर किया गया था।