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मुंबई के कंटेनमेंट जोन में गणपति का नहीं होगा सार्वजनिक विसर्जन

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गणपति

धर्म डेस्क। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार ने इस साल गणपति उत्सव सादगी से मनाने का आह्वान किया है। मुंबई कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित स्थानों में से एक हैं। जिसके कारण बीएमसी ने कंटेनमेंट  जोन में गणपति का कोई भी समारोह सार्वजनिक रूप से न करने की अपील की है।

22 अगस्त से शुरू होने वाले गणेश उत्सव के लिए नागरिक निकाय द्वारा जारी द्वारा गाइड लाइन जारी की गई है। जिसके अनुसार अगर आपका घर कंटेनमेंट जोन में है जो आप घर के अंदर ही गणपति की मूर्ति स्थापित कर सकते हैं।  आपको बता दें कि 1.13 लाख से अधिक कोरोना वायरस के मामले मुंबई में है। जहां पर लगभग 6,300 मौतों हो चुकी है।

शहर में कम से कम 6,173 इमारतों को सील कर दिया गया है, जबकि नागरिक निकाय ने 616 रोकथाम क्षेत्रों की पहचान की है। जहां कोरोनोवायरस के मामले पाए गए हैं। आमतौर पर ऐसे क्षेत्र को 14 दिनों के लिए सील कर दिए जाते हैं। आमतौर पर उत्सव के अंतिम दिन मूर्तियों को विसर्जित करने के लिए मुंबई के समुद्र तट के लिए लाखों भक्तों की भीड़ होती है।

बीएमसी ने कहा कि महामारी रोग अधिनियम, 1897, आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 और भारतीय दंड संहिता के तहत उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसलिए सभी से अपील है कि त्योहार को सरल तरीके से मनाया जाए।

आपको बता दें कि राज्य सरकार और नागरिक अधिकारियों ने पहले ही गणेश पंडालों के लिए चार फीट और घर में स्थापित होने वाले गणपति के  दो फीट की मूर्तियों की ऊंचाई तय कर दी है। इसके अलावा मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15×15 फिट से अधिक नहीं होनी चाहिए।

नागरिक निकाय ने गणेश मंडल से सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बजाय स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने और विज्ञापनों के माध्यम से स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरूकता पैदा करने की अपील की।

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