आपके घर में बनाया गया गार्डन और उसका वास्तु भी उसी प्रकार से आपके जीवन को प्रभावित करता है जिस प्रकार से बेडरूम, किचन या घर के किसी अन्य हिस्से का वास्तु। एक वास्तु सम्मत गार्डन आपको न सिर्फ अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करता है बल्कि यह आपके लिए आर्थिक समृद्धि भी लाता है। इसलिए किसी भी भूखंड पर घर बनाते वक्त यहजरुरी हो जाता है कि उसभूखंड पर निर्मित हुए हिस्से के साथ ही वहां पर गार्डन के लिएखाली छोड़ा गया स्थान भी वास्तु के नियमों पर आधारित हो। आइए वास्तुकार संजय कुड़ी से जानते हैं गार्डन से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स-
वास्तु के अनुसार घर में शुभ उर्जा का प्रवेश उत्तर-पूर्व दिशा से होता है। इसलिए उत्तर और पूर्व दिशा दोनों को ही घर के अन्य दिशाओं की तुलना में ज्यादा खाली छोड़ा जाना चाहिए।
पेड़-पौधे एवं उनके लिए उचित दिशा:
उत्तर में बना गार्डन करियर के लिए नए-नए अवसर व समृद्धि प्रदान करता है। उत्तर दिशा में बने गार्डन के अंदर तुलसी का पौधा लगाना बेहद शुभ होता है। यहां ऐसे छोटे पौधे लगाये जो की कांटेदार नहीं हों। इस दिशा में बडे पेड़ बिलकुल भी ना लगायें| अगर आपको वाटर फाउंटेन पसंद है तो इसे उत्तर दिशा में लगा सकते हैं।
फलदार पौधों के लिए घर में पूर्व दिशा एक उत्तम स्थान है। इस स्थान पर छोटे पौधों को गमलों के अंदर लगा कर रख सकते हैं। लाल या गुलाबी रंग के पौधे जैसे कि गुलाब, इत्यादि दक्षिण-पूर्व में लगा सकते हैं।
पश्चिम और दक्षिण दिशायें चूंकि उत्तर व पूर्व दिशाओं की तुलना में अधिक भारी होनी चाहिए इसलिए यहां स्थित गार्डन में बड़े पेड़ लगाना आवश्यक है। ध्यान रहे कि ये बडे पेड़ घर की दीवारों के बिलकुल समीप ना लगायें। इन दोनों दिशाओं में स्विमिंग पूल या वाटर फाउंटेन जैसे जलाशय निर्मित नहीं करें।