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Gaurikund Landslide: 48 घंटे से लापता है 20 लोग, जमीन से आसमान तक हो रही ‘जिंदगी’ की तलाश

Gaurikund Landslide

Gaurikund Landslide

देहारादून। उत्तराखंड के गौरीकुंड (Gaurikund Landslide) में  शुक्रवार मध्यरात्रि आए भूस्खलन के दौरान लापता हुए 20 लोगों का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है। बचाव दल रविवार लगातार कड़ी मेहनत कर उन 20 लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं जो केदारनाथ जाते समय गौरीकुंड में अचानक आई बाढ़ के बाद हुए भूस्खलन में लापता हो गए थे।

गुरुवार और शुक्रवार की मध्यरात्रि को लगभग 12 बजे भूस्खलन (Gaurikund Landslide) हुआ, जिससे बरसाती झरने के करीब और मंदाकिनी नदी से लगभग 50 मीटर ऊपर स्थित तीन दुकानें बह गईं। जिस समय यह हादसा हुआ उस समय मंदाकिनी नदी उफान पर थी।

ड्रोन से भी ली जा रही मदद

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी (रुद्रप्रयाग) नंदन सिंह रजवार ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल,राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, यात्रा प्रबंधन बल, पुलिस और अग्निशमन विभाग के कर्मियों ने रविवार को धारी देवी से कुंड बैराज तक ड्रोन की मदद से लापता लोगों की तलाश की, लेकिन लापता लोगों का पता नहीं चल सका।

रुक-रुक कर हो रही बारिश और पहाड़ियों से गिरते पत्थरों के राहत और बचाव कार्यों में बाधा आ रही है। सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच लगभग छह किलोमीटर का इलाका भूस्खलन के मामले में अत्यधिक संवेदनशील है। शुक्रवार को दुकानों के मलबे से तीन शव बरामद किए गए लेकिन 20 लोग अब भी लापता हैं। रजवार ने बताया कि जिस जगह पर दुकानें थीं वहां और मंदाकिनी नदी में भी तलाशी अभियान जारी है।

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अधिकांश पीड़ित नेपाल से थे। उखीमठ के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट जितेंद्र वर्मा ने कहा कि खराब मौसम और मंदाकिनी के जल स्तर में वृद्धि ने बचाव अभियान को मुश्किल बना दिया है। उन्होंने कहा कि लगातार खराब मौसम के कारण और अधिक भूस्खलन का खतरा पैदा हो रहा है, अस्थायी कियोस्क और दुकानों के मालिक सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए स्वेच्छा से जगह खाली कर रहे हैं।

जिला प्रशासन ने सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच सड़क के दोनों ओर दुकानों और अन्य स्ट्रक्चर की पहचान करना शुरू कर दिया है जो भूस्खलन से खतरे में पड़ सकती हैं। शुक्रवार को बरामद किए गए तीन शवों की पहचान देवी बहादुर, टेक बहादुर और प्रकाश टम्टा के रूप में की गई है – ये सभी नेपाल के रहने वाले हैं।

लापता लोगों के नाम

अभी भी लापता 20 लोगों में तिलवाड़ा के आशु और प्रियांशु चमोला, बस्ती के रणबीर सिंह, नेपाल निवासी अमर बोहरा, उनकी पत्नी अनीता बोहरा, उनकी नाबालिग बेटियां राधिका और पिंकी और बेटे पृथ्वी, जटिल और वकील शामिल हैं। भरतपुर के खानवा निवासी विनोद, सहारनपुर के नगला बंजारा के मुलायम,  उत्सुया चोपड़ा के सुगाराम, बम बोहरा, चंद्र कामी, धर्मराज, नीर बहादुर, उनकी पत्नी सुमित्रा देवी, उनकी बेटी कुमारी निशा और रोहित बिष्ट भी लापता हैं।

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