लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति (Gayatri Prajapati) को छह मार्च को अपनी बेटी के विवाह समारोह में शामिल होने के लिए 28 फरवरी से एक सप्ताह के लिए जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की खंडपीठ ने गायत्री प्रजापति की तीन जमानत याचिकाओं पर यह आदेश पारित किया। अब गायत्री प्रजापति एक सप्ताह के लिए पैरोल पर बाहर आएंगे।
बता दें, पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति (Gayatri Prajapati) ने गोमतीनगर और गाजीपुर पुलिस थानों में दर्ज दो मामलों के संबंध में अल्पकालिक जमानत याचिका दायर की थी, जबकि तीसरी जमानत याचिका प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष दर्ज एक मामले में दायर की गई थी। गायत्री प्रजापति की ओर से कहा गया था कि उनकी बेटी की शादी छह मार्च को तय है, जिसमें पिता के तौर पर उनका रहना जरूरी है। इसके लिए 56 दिन की जमानत मांगी गई थी।
एक हफ्ते की मिली जमानत
राज्य सरकार के अधिवक्ता ने दलीलों का विरोध करते हुए तर्क दिया कि गायत्री प्रजापति नौ मामलों में आरोपी हैं, इसलिए उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए। हालांकि पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद गायत्री प्रजापति को सात दिन की अल्पावधि जमानत दे दी।
रेप के आरोप में जेल में बंद हैं गायत्री प्रजापति (Gayatri Prajapati)
उल्लेखनीय है कि अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति को मार्च 2017 में एक महिला से सामूहिक बलात्कार और उसकी नाबालिग बेटी से बलात्कार का प्रयास करने के आरोप में गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था।
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गिरफ्तारी के बाद से वह अभी भी जेल में हैं। उन्हें एक बार जमानत मिल गई थी, लेकिन उच्च न्यायालय ने जेल से बाहर आने से पहले ही इसे रद्द कर दिया था।