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गीता प्रेस नहीं लेगा सम्मान धनराशि, जानें क्यों नहीं लेगा गांधी शांति पुरस्कार की रकम?

Geeta Press

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नई दिल्ली। यूपी के गीता प्रेस गोरखपुर (Geeta Press Gorakhpur) को साल 2021 के गांधी शांति पुरस्कार (Gandhi Peace Prize 2021) के लिए चुना गया है। संस्कृति मंत्रालय (Ministry of Culture) ने इसकी घोषणा की है। प्रेस के ट्रस्टी और मैनेजर ने इस पुरस्कार के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है, लेकिन गीता प्रेस (Geeta Press ) के बोर्ड ने तय किया है कि वो पुरस्कार की धनराशि स्वीकार नहीं करेंगे।

गीता प्रेस गोरखपुर (Geeta Press Gorakhpur)  को लागत से कम मूल्य में धार्मिक पुस्तकों के प्रकाशन के लिए जाना जाता है। ऐसा बीते 100 साल से होता आ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में साल 2021 का गांधी शांति पुरस्कार (Gandhi Peace Prize 2021) के लिए गीता प्रेस गोरखपुर (Geeta Press Gorakhpur)  का चयन किया गया है, लेकिन गीता प्रेस अपनी परंपरा के मुताबिक, किसी भी सम्मान को स्वीकार नहीं करता है।

क्या गीता प्रेस स्वीकार नहीं करेगा सम्मान?

गीता प्रेस गोरखपुर (Geeta Press Gorakhpur)  की बोर्ड मीटिंग में तय हुआ है कि इस बार परंपरा को तोड़ते हुए सम्मान स्वीकार किया जाएगा, लेकिन पुरस्कार के साथ मिलने वाली धनराशि नहीं ली जाएगी। जानकारी के मुताबिक, बोर्ड की बैठक में तय हुआ है कि पुरस्कार के साथ मिलने वाली एक करोड़ रुपये की धनराशि गीता प्रेस (Geeta Press)  स्वीकार नहीं करेगा।

बोर्ड की बैठक में तय हुआ

गौरतलब है कि गांधी शांति पुरस्कार 2021 (Gandhi Peace Prize 2021) के रूप में एक प्रशस्ति पत्र, एक पट्टिका और एक उत्कृष्ट पारंपरिक हस्तकला, हथकरघा की कलाकृति के साथ एक करोड़ रुपये की धनराशि दी जाएगी। गीता प्रेस (Geeta Press)  की बोर्ड में जो तय हुआ है, उसके मुताबिक, धनराशि को छोड़कर प्रशस्ति पत्र, पट्टिका और हस्तकला, हथकरघा की कलाकृति स्वीकार की जाएगी। बोर्ड का मानना है कि इससे भारत सरकार का सम्मान भी रह जाएगा और गीता प्रेस का भी सम्मान रह जाएगा।

गीता प्रेस को प्रधानमंत्री का इंतजार

गौरतलब है कि गीता प्रेस (Geeta Press) इस वर्ष अपना शताब्दी वर्ष के रूप में मना रहा है। ऐसी सूचना है कि शताब्दी वर्ष पर इस अमूल्य धरोहर के सम्मान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi)  को निमंत्रण दिया गया है, प्रधानमंत्री कार्यालय ने कार्यक्रम के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है हालांकि अभी तक कोई निश्चित तारीख नहीं मिली है, जिसका इंतज़ार गीता प्रेस परिवार कर रहा है।

क्या कहते है प्रबंधक

गांधी शांति पुरस्कार 2021 के लिए गीता प्रेस (Geeta Press)  को चुने जाने पर गीता प्रेस के प्रबंधक लाल मणि तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत संस्कृति मंत्रालय और केंद्र सरकार के प्रति आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि गीता प्रेस (Geeta Press)  के शताब्दी वर्ष पर इस सम्मान को मिलना हमें अभिभूत कर रहा है। हम निरंतर ऐसे ही काम करते रहेंगे।

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