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गाजियाबाद भी होगा आईटीएमएस से लैस

ITMS

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के शहरों को सेफ और स्मार्ट बनाने में योगी सरकार तेज गति से जुटी हुई है। इसी क्रम में सरकार ने गाजियाबाद को भी इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) से युक्त बनाने के लिए 8575.71 लाख रुपए की परियोजना को स्वीकृति दे दी है। इसके साथ ही प्रदेश के सभी नगर निगम आईटीएमएस से युक्त हो जाएंगे।

प्रमुख सचिव नगर विकास विभाग अमृत अभिजात के अनुसार केन्द्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत यूपी के 10 शहरों (अलीगढ़, आगरा, बरेली, झांसी, कानपुर, लखनऊ, मुरादाबाद, प्रयागराज, सहारनपुर और वाराणसी) के अलावा नोएडा तथा राज्य स्मार्ट सिटी योजना के अन्तर्गत प्रदेश के शेष 6 नगर निगमों (अयोध्या, फिरोजाबाद, गोरखपुर, मथुरा-वृन्दावन, मेरठ व शाहजहॉपुर) में आईटीएमएस परियोजनायें पहले से ही कार्यरत है।

इसके बाद गाजियाबाद शहर के लिए ITMS परियोजना के लिए 8575.71 लाख रुपए की स्वीकृति मिलने से अब प्रदेश के सभी नगर निगम इस योजना से युक्त हो गये हैं। उन्होंने बताया कि अगले 6 माह में सभी कार्य पूर्ण कर लिए जाएंगे।

स्मार्ट सिटी मिशन डायरेक्टर धर्मेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि दरअसल इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) के तहत शहरों में सीसीटीवी समेत हाई डेफिनिशन कैमरा के जरिए रेड लाइट पर वाहनों के दबाव के हिसाब से रेड/ग्रीन लाइट की टाइमिंग ऑटोमैटिक तरीके से खुद ही सेट हो जाती है।

यही नहीं रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन कैमरा के जरिए कमांड कंट्रोल रूम में बैठकर ट्रैफिक पुलिस उन वाहन चालकों पर भी निगाह रख सकती है जो रेड लाइट जंप करते हैं। ये कैमरा ऐसे लोगों की इमेज कैप्चर करने के साथ ही वाहन के नंबर के आधार पर खुद ही चालान काट देता है। बिना हेलमेट और बिना सीट बेल्ट वाले चालकों के खिलाफ भी चालान की कार्रवाई इसके माध्यम से आसानी से की जा सकती है।

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ITMS के जरिए ट्रैफिक मैनेजमेंट में तो मदद मिलती ही है साथ ही साथ कानून व्यवस्था को सुचारू रखने में भी सहायता मिलती है। इसकी मदद से बदमाशों की धर-पकड़ में पुलिस को अच्छी कामयाबी मिलने लगी है। सड़क पर लगे सर्विलांस कैमरों की मदद से कमांड सेंटर के जरिए पुलिस बेहद नजदीक से संदिग्धों के चेहरे को देख सकती है। साथ ही साथ बदमाशों की लोकेशन को ट्रेस करते हुए पुलिस उन्हें आसानी से पहचान और दबोच सकती है।

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