नई दिल्ली। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने रविवार को संसद के मानसून सत्र के आयोजन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस बार सत्र अलग तरह की परिस्थितियों में आयोजित किया जा रहा है।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि संसद का सत्र विचित्र परिस्थितियों में आयोजित हो रहा है। पूरे देश में भय का माहौल है। सांसदों में भी डर व्याप्त है, लेकिन देश और दुनिया में स्थिति बदल रही है और यह जरूरी है कि इस पर चर्चा की जाए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी, लद्दाख में भारत-चीन के बीच तनाव, गिरती जीडीपी, महंगाई और नई शिक्षा नीति… ये सदन के सामने कुछ मुद्दे हैं जिनके बारे में देश की जनता सुनना चाहेगी और संसद सदस्य चर्चा करना चाहेंगे।
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लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि इस सदन के सदस्यों ने संकट के समय में भी अपना कर्तव्य और जिम्मेदारियां निभाने की शपथ ली है। उन्होंने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि ऐसे समय में सभी सदस्य उपस्थित रहेंगे और सार्थक चर्चा में भाग लेंगे।
COVID, India-China are face to face in Ladakh & there is tension, GDP has tumbled, inflation, New Education Policy – there are multiple issues before the House that the citizens of this country would want to hear about & Parliamentarians would like to discuss: Ghulam Nabi Azad https://t.co/LTUJlKM4qS
— ANI (@ANI) September 13, 2020
बता दें कि सोमवार से संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हो रही है। इसी बीच लोकसभा के पांच सांसद कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। सत्र की शुरुआत से पहले की गई जांच में यह सामने आया है। बाकी सांसदों का परीक्षण किया जा रहा है।
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कोरोना संकट के चलते इस बार संसद सत्र काफी बदला नजर आएगा। सत्र के दौरान सांसदों को दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। लोकसभा की कार्यवाही चार घंटे चलेगी। शून्य काल की अवधि को भी आधा घंटे का कर दिया गया है।