पिछले सत्र में मजबूत उछाल के बाद आज भारतीय बाजारों में सोने और चांदी की वायदा कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। एमसीएक्स पर सोने का वायदा भाव 0.12 फीसदी गिरकर 47,200 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। चांदी वायदा 0.2 फीसदी टूटकर 68,593 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। पिछले सत्र में, सोने में 1.2 फीसदी की वृद्धि हुई थी, जबकि चांदी में 2.8 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी।
पिछले साल अगस्त में 56,200 रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद इस साल सोने की कीमत में काफी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है।
वैश्विक बाजारों में, सोने की कीमत 1,811.80 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर रही, क्योंकि इक्विटी एक नई ऊंचाई पर पहुंच गई।
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सरकार ने सोमवार को सोने और चांदी पर आयात शुल्क में कटौती की घोषणा की। इस कदम से घरेलू बाजार में इन मूल्यवान धातुओं की कीमतों को नीचे लाने में मदद मिलेगी तथा रत्न एवं आभूषण निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 का बजट पेश करते हुए कहा कि, ‘वर्तमान में सोना और चांदी पर 12.5 फीसदी सीमा शुल्क लगाया जाता है।
चूंकि, जुलाई 2019 में शुल्क 10 फीसदी से बढ़ा दिया गया था, इसलिए कीमती धातुओं के मूल्य में तेजी से वृद्धि हुई, इसे पिछले स्तर के करीब लाने के लिए हम सोना और चांदी पर सीमा शुल्क को युक्तिसंगत बना रहे हैं।’
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देश की सोने की मांग बीते साल यानी 2020 में 35 फीसदी से अधिक घटकर 446.4 टन रह गई। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। डब्ल्यूजीसी की 2020 की सोने की मांग के रुख पर रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन और बहुमूल्य धातुओं के दाम अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचने के बीच सोने की मांग में गिरावट आई। हालांकि, इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि अब स्थिति सामान्य हो रही है और साथ ती सतत सुधारों से उद्योग मजबूत हुआ है। ऐसे में इस साल 2021 में सोने की मांग में सुधार की उम्मीद है।