नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह ही सभी बैंकों, गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनियों सहित कर्ज देने वाले संस्थानों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि दो करोड़ रुपये तक के कर्ज पर छह माह की रोक अवधि के दौरान लिए गए ब्याज पर ब्याज से माफी योजना पर पांच नवंबर तक अमल होना चाहिए। वित्त मंत्रालय ने इस योजना को लेकर आम लोगों के मन में उठने वाले सवालों के जवाब (एफएक्यू) जारी किए हैं। मंत्रालय ने कहा है कि सोने को गिरवी रखकर लिए गए उपभोक्ता कर्ज भी योजना के तहत ब्याज पर ब्याज से छूट पाने के पात्र हैं।
आपने गोल्ड लोन लिया है और मोरेटिरयम अवधि में ईएमआई नहीं चुकाने का लाभ लिया है तो सामान्य स्थिति में चक्रवृद्धि ब्याज की वजह से मूलधन बढ़ने से आपकी ईएमआई ज्यादा बढ़ सकती थी, लेकिन ब्याज पर ब्याज छूट से ऐसा नहीं होगा। बैंक आपको चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के अंतर की राशि खाते में कैशबैक के रूप में देंगे। साथ ही उतनी राशि की जो ईएमआई बनती उससे भी राहत मिलेगी।
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सरकार और रिजर्व बैंक ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जिन कर्जदारों ने मोरेटोरियम की छह माह की अवधि के दौरान अपनी कर्ज की ईएमआई का समय पर भुगतान किया है उन्हें भी इस ब्याज पर ब्याज छूट लाभ मिलेगा। ऐसे कर्जदारों में चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के अंतर की राशि बैंक और एनबीएफसी उनके खाते में डालेंगे।
मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि कर्जदाता संस्थान द्वारा सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम (एमएसएमई) के तौर वर्गीकृत कर्ज सहित कर्जदारों की आठ पात्रता प्राप्त श्रेणियों के तहत लिए गए व्यक्तिगत कर्ज भी इस माफी योजना के तहत छूट पाने के हकदार होंगे। इन कर्ज के लिए गारंटी चाहे किसी भी तरह की हो उससे इनकी पात्रता पर कोई असर नहीं होगा।