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गोमती रिवर फ्रंट घोटाला: CBI ने दर्ज की नई FIR, एक साथ 40 जगहों पर छापेमारी

River Front

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लखनऊ में गोमती नदी के किनारे बने रिवर फ्रंट से जुड़े घोटाले को लेकर सीबीआई ने सूबे के कई जिलों में छापेमारी  की है। इतना ही नहीं सीबीआई ने यूपी के अलावा पश्चिम बंगाल और राजस्थान में भी छापेमारी की है।

अखिलेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक गोमती रिवर फ्रंट में हुए घोटाले में सोमवार को सीबीआई ने परियोजना से जुड़े 190 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इनमें कई सुपरिंटेंड इंजीनियर और अधिशासी इंजीनियर शामिल हैं। इसके अलावा यूपी, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में 40 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई है। लखनऊ, कोलकाता, अलवर, सीतापुर, रायबरेली, गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ, बुलंदशहर, इटावा, अलीगढ़, एटा, गोरखपुर, मुरादाबाद और आगरा में एक साथ छापेमारी की गई है।

गौरतलब है कि सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने प्रदेश सरकार के निर्देश पर सिंचाई विभाग की ओर से लखनऊ के गोमतीनगर थाने में दर्ज कराए गए मुकदमे को आधार बनाकर 30 नवंबर 2017 में नया मुकदमा दर्ज किया था।

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करीब 1500 करोड़ रुपये के इस घोटाले की जांच फिलहाल सीबीआई कर रही है। प्रवर्तन निदेशालय भी मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज कर जांच कर रहा है।

राज्य सरकार ने चार साल पहले घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की संस्तुति की थी। उससे पहले अप्रैल 2017 में प्रदेश सरकार ने रिवर फ्रंट घोटाले की न्यायिक जांच के आदेश दिए थे।

जांच के बाद गोमती नगर थाने में कई अधिकारियों के खिलाफ कमेटी ने एफआईआर दर्ज कराई थी। उसी एफआईआर को आधार बनाकर सीबीआई ने रिपोर्ट दर्ज की थी। एक इंजीनियर रूप सिंह की गिरफ्तारी इस मामले में कुछ ही दिन पहले की गई थी। रिवर फ्रंट परियोजना के तहत अकेले सिंचाई विभाग ने 800 से अधिक टेंडर जारी किए थे। इनमें नियमों को दरकिनार कर ठेकेदारों को काम दिया गया था। उस समय लखनऊ खंड शारदा नहर के अधिशासी अभियंता रूप सिंह के खिलाफ सीबीआई को पर्याप्त सुबूत मिले थे।

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