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दिवाली पर ख़रीदारी ने टूट गए सारे रिकॉर्ड, पूरे देश में बिक गया इतने लाख करोड़ का सामान

Goods worth Rs 3.75 lakh crore sold on Diwali

Goods worth Rs 3.75 lakh crore sold on Diwali

दिवाली (Diwali) खत्म हो गई है। लोगों ने खूब पटाखे जलाए, खूब मिठाईयां बांटी और खाई। लेकिन क्या आपको पता है कि दिवाली पर लोगों ने कितने रुपए का सामान खरीद डाला। आप जानकर चौंक जाएंगे, क्योंकि ये आंकड़ा 3.75 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है। जी हां इसबार दिवाली (Diwali)पर खरीदारी के सारे रिकॉर्ड टूट गए है। आइए जानते हैं दिवाली इतने रुपए का लोगों ने क्या-क्या खरीद डाला।

कनफ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने आज एक संयुक्त वक्तव्य में कहा है कि इस वर्ष के दिवाली (Diwali)सीजन में देश भर के बाज़ारों में 3.75 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा का रिकॉर्ड तोड़ व्यापार हुआ और सभी त्यौहारों पर ग्राहकों द्वारा जमकर भारतीय वस्तुओं की ख़रीदारी की गई। अभी गोवर्धन पूजा, भैया दूज, छठ पूजा एवं तुलसी विवाह त्यौहार शेष हैं जिनमें लगभग 50 हज़ार करोड़ रुपये के और व्यापार होने की संभावना है।

चीन को 1 लाख करोड़ का झटका

इस बार चीन को दिवाली (Diwali) पर्व पर लगभग 1 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा के व्यापार का बड़ा नुक़सान हुआ। पूर्व वर्षों में दिवाली त्यौहारों पर चीन से बनी वस्तुओं को लगभग 70% बाज़ार भारत का मिल जाता था जो इस बार बिलकुल भी नहीं मिला। देश में किसी भी व्यापारी ने इस वर्ष चीन से दिवाली (Diwali) से संबंधित किसी भी वस्तु का कोई इंपोर्ट नहीं किया। साफ़ तौर पर यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के वोकल फॉर लोकल तथा आत्मनिर्भर भारत अभियान का असर है। कैट ने इस दिवाली देश भर में भारतीय उत्पाद-सबका उस्ताद अभियान चलाया जो बेहद सफल रहा जिसको देश भर में ग्राहकों का बड़ा समर्थन मिला।

इन चीजों की हुई ताबड़तोड़ बिक्री

प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि एक मोटे अनुमान के अनुसार 3.5 लाख करोड़ के त्यौहारों के व्यापार में लगभग 13% खाद्य एवं किराना में, 9% ज्वेलरी में, 12% वस्त्र एवं गारमेंट, 4% ड्राई फ्रूट, मिठाई एवं नमकीन, 3% घर की साज सज्जा, 6% कास्मेटिक्स, 8% इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मोबाइल, 3% पूजन सामग्री एवं पूजा वस्तुओं, 3% बर्तन तथा रसोई उपकरण, 2% कॉन्फ़ेक्शनरी एवं बेकरी, 8% गिफ्ट आइटम्स, 4% फ़र्निशिंग एवं फर्नीचर एवं शेष 20% ऑटोमोबाइल, हार्डवेयर, इलेक्ट्रिकल, खिलौने सहित अन्य अनेक वस्तुओं एवं सेवाओं पर ग्राहकों द्वारा खर्च किए गए। देश भर में पैकिंग कारोबार को भी एक बड़ा बाज़ार इस दिवाली पर मिला।

वोकल फॉर लोकल का दिखा असर

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिवाली त्यौहारों पर लोकल बनी वस्तुएँ ख़रीदने का आह्वान किया गया था जिसका बड़ा प्रभाव पूरे देश में दिखाई दिया। देश के सभी शहरों के स्थानीय निर्माताओं, कारीगरों एवं कलाकारों द्वारा बनाये गये उत्पादों की भारी मात्रा में बिक्री हुई जिससे आत्मनिर्भर भारत की एक विशिष्ट झांकी दिवाली (Diwali) पर्व के ज़रिए देश एवं दुनिया को दिखाई गई।

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