नई दिल्ली। भारतीय घरों में पिता की छवि ऐसी मानी जाती है कि पापा हमेशा सख्त रहते हैं, डांटते हैं। यही वजह है कि लड़का हो या लड़की अधिकतर बच्चे अपनी मां से हर बात शेयर कर लेते हैं, लेकिन पिता से कहने में डरते हैं या हिम्मत नहीं कर पाते। हालांकि, ऐसा नहीं है कि पिता बच्चों को प्यार नहीं करते।
बच्चे जब धीरे-धीरे बड़े होते हैं और उन्हें जिम्मेदारियों की समझ होने लगती है तो अहसास होता है कि पिता क्या होता है और पिता की क्या भूमिका होती है। पिता के प्रेम, त्याग को सम्मान देने के लिए दुनिया के तमाम देशों में फादर्स डे मनाया जाता है। पिता को स्पेशल फील कराने के लिए हर साल जून महीने के तीसरे रविवार को फादर्स डे (Fathers’s Day) मनाया जाता है। सर्च इंजन गूगल (Google) ने पिछले साल की तरह इस साल भी फादर्स डे के मौके पर आज, 19 जून 2022 को एक खास डूडल (Doodle) बनाया है।
फादर्स डे (Father’s Day) पर गूगल के डूडल में छोटे और बड़े हाथ दिखाई दे रहे हैं। पापा को समर्पित फादर्स डे के डूडल में साफ दिखाई दे रहा है कि बच्चा किस तरह से पिता की छवि बनता है। आइए जानते हैं कि फादर्स डे मनाने की शुरुआत कब और कैसे हुई।
फादर्स डे (Father’s Day) का इतिहास
फादर्स डे मनाने की शुरुआत 1910 से हुई थी। माना जाता है कि वॉशिंगटन के स्पोकन शहर में रहने वाली लड़की सोनोरा डॉड ने फादर्स डे की शुरुआत की थी। सोनोरा की मां के निधन के बाद पिता ने ही अकेले उनकी परवरिश की। पिता ने एक मां की तरह बेटी को प्यार दिया तो एक पिता की तरह सुरक्षा की। सोनोरा के पिता उन्हें कभी मां की कमी का अहसास नहीं होने देते थे। सोनोरा के मन में ख्याल आया कि जब मां के मातृत्व को समर्पित मदर्स डे मनाया जा सकता है तो फिर पिता के प्रेम और स्नेह के सम्मान में फादर्स डे भी मनाना चाहिए।
कब है Father’s Day, जानें कैसे हुई इसकी शुरुआत
कब हुई फादर्स डे (Father’s Day) की शुरुआत?
सोनोरा के पिता का जन्मदिन जून में होता था। इसलिए उन्होंने जून में फादर्स डे मनाने की मांग को लेकर याचिका दायर की। जिसे मान लिया गया और 19 जून 1910 को पहली बार फादर्स डे मनाया गया। इसके बाद साल 1916 में अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने फादर्स डे मनाने के प्रस्ताव को भी स्वीकार किया। साल 1924 में राष्ट्रपति कैल्विन कूलिज ने फादर्स डे को राष्ट्रीय आयोजन घोषित कर दिया। बाद में 1966 में राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने फादर्स डे को जून के तीसरे रविवार को मनाने का ऐलान किया।