Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

केडी जाधव की जयंती पर Google ने बनाया खास Doodle, जानें कौन थे खाशाबा दादासाहब जाधव

KD Jadhav

KD Jadhav

सर्च इंजन गूगल (Google) ने आज, 15 जनवरी 2023 को दिग्गज पहलवान खाशाबा दादासाहेब जाधव (KD Jadhav)  के मौके पर खास डूडल (Doodle) बनाया है। देश की आजादी के बाद ओलंपिक में व्यक्तिगत पदक हासिल करने वाले केडी जाधव पहले शख्स थे। कुश्ती के लिए पहचाने जाने वाले केडी जाधव का जन्म आज ही के दिन यानी 15 जनवरी 1926 को महाराष्ट्र के गोलेश्वर नामक गांव में हुआ था। अखाड़े और कुश्ती में दिलचस्पी रखने वाले केडी जाधव ने हेलसिंकी में 1952 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में कांस्य पदक अपने नाम किया था।

केडी जाधव ( KD Jadhav) की खास बात यह थी कि वह बाकि पहलवानों की तरह कद काठी में लम्बे, हट्टे कट्टे नहीं थे फिर भी उनसे कुश्ती करने पर बड़े से बड़ा पहलवान चित्त हो जाता था। बता दें कि केडी जाधव सिर्फ 5 फुट 5 इंच के थे। इसके बावजूद उन्होंने अपने से काफी बड़े पहलवानों को कुश्ती में हराया था।

 KD Jadhav ने 10 साल की उम्र में शुरू की पहलवानी

केडी जाधव ने 10 साल की उम्र में ही पहलवानी को अपनी जुनून बना लिया था। इतनी छोटी उम्र में ही वह अपने पिता के साथ रोजाना प्रैक्टिस करते थे। केडी जाधव रेसलिंग से अच्छी तरह से वाकिफ थे। वह अपने प्रतियोगी को उठाकर जमीन पर फेंकते थे। उनकी हेड लॉकिंग स्टाइल बेहद शानदार थी।  पहले ओलंपिक में केडी जाधव का मुकाबला कुश्ती में माहिर पहलवान फ्लाइवेट पहलवान से हुई थी। इस दौरान केडी जाधव ने छठा स्थान प्राप्त किया था, जो कि अपने आप में बड़ी बात थी।

अमेरिका की आर बॉनी ग्रेब्रिएल के सिर सजा मिस यूनिवर्स का ताज

घुटना टूटने के कारण छोड़ना पड़ा करियर

केडी जाधव ने कांस्य पदक अपने नाम किया लेकिन चोटिल होने के कारण वह गोल्ड से चूक गए थे। दरअसल, ओलंपिक से पहले उनका घुटना टूट गया था जिस कारण उन्हें अपना करियर खत्म करना पड़ा और वे पुलिस में भर्ती हो गए।

निधन के बाद अर्जुन पुरस्कार से किया गया सम्मानित

बता दें कि केडी जाधव ( KD Jadhav) को अपने जीवनकाल में कभी कोई पुरस्कार नहीं मिला। 14 अगस्त 1984 को उनका निधन हो गया था। जिसके  बाद कुश्ती में उनके योगदान के लिए केडी जाधव को साल 2000 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

Exit mobile version