भारत सरकार द्वारा नए आइटी नियम बनाए जाने के बीच गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने गुरुवार को कहा कि कंपनी स्थानीय कानूनों का पालन करने और तेजी से बदलती तकनीकी दुनिया में सरकार के साथ रचनात्मक रूप से जुड़ने को लेकर प्रतिबद्ध है। एशिया-प्रशांत क्षेत्र के चुने हुए संवाददाताओं के ऑनलाइन सम्मेलन को संबोधित करते हुए पिचाई ने कहा, निश्चित रूप से ये शुरुआती दिन हैं और हमारे स्थानीय दल संपर्क में हैं। जिस देश में हम काम करते हैं, उस देश के स्थानीय कानूनों का हमेशा सम्मान करते हैं। इसके अलावा, हम सकारात्मक रूप से काम करते हैं। जब हम सरकारी अनुरोधों का पालन करते हैं तो पारदर्शिता रिपोर्ट में उसका उल्लेख भी करते हैं।
पिचाई ने कहा कि स्वतंत्र और खुला इंटरनेट जरूरी है और भारत में इसकी लंबी परंपरा रही है। एक कंपनी के रूप में स्वतंत्र और खुले इंटरनेट के मूल्यों को लेकर हमारा रुख स्पष्ट है। इसका अपना फायदा है और हम इसकी वकालत करते हैं। हम दुनियाभर के नियामकों के साथ रचनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं। इन प्रक्रियाओं में हम भाग लेते हैं। मुझे लगता है कि यह एक प्रक्रिया है कि हम किस तरह सीखते हैं।
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उन्होंने आगे कहा कि कंपनी विधायी प्रक्रियाओं का सम्मान करती है और जरूरत पड़ने पर पीछे भी हटती है। यह एक संतुलन है, जिसे हमने दुनियाभर में बना रखा है। उन्होंने उल्लेख किया कि तकनीक का समाज से संपर्क बहुत गहरा है और इस क्षेत्र में तेजी से बदलाव आ रहा है। उन्होंने कहा, हम सरकार द्वारा जांच करने और नियामक ढांचा बनाने के अधिकार का पूरी तरह सम्मान करते हैं। चाहे यह यूरोप में कापीराइट निर्देशों की बात हो या भारत में सूचना संबंधी नियमन। हम इसे समाज के प्राकृतिक हिस्से के रूप में देखते हैं।