नई दिल्ली। दिल्ली की रॉउज एवन्यू कोर्ट एयरहोस्टेस गीतिका सुसाइड (Geetika Suicide Case) मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। मामले में मुख्य आरोपी हरियाणा के पूर्व गृह राज्य मंत्री गोपाल कांडा (Gopal Kanda) को कोर्ट ने बरी कर दिया है। पांच अगस्त 2012 को 23 साल की गीतिका शर्मा ने दिल्ली के अशोक विहार स्थित अपने ही फ्लैट में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
गोपाल कांडा (Gopal Kanda) मौजूदा समय में सिरसा से विधायक हैं। गोपाल कांडा की एयरलाइंस कंपनी में गीतिका एयरहोस्टेस थी, उसने सुसाइड किया था। गोपाल कांडा पर गीतिका की खुदकुशी का आरोप लगा था। मामले में कांडा को मुख्य आरोपी बनाया गया था।
कौन हैं गोपाल कांडा (Gopal Kanda)?
साल 2012 में जब गीतिका सुसाइड केस सामने आया था तो गोपाल कांडा (Gopal Kanda)पूरे देश में चर्चित हुए थे। इसी दौरान उनके जीवन की कहानी भी सबके सामने आई थी। कांडा एक जमाने में खराब रेडियो-टीवी रिपेयर करने वाले मैकेनिक हुआ करते थे लेकिन बाद में उन्होंने एयरलाइंस शुरू की, विधायक बने और फिर हरियाणा के गृह राज्यमंत्री का पद हासिल किया।
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गोपाल (Gopal Kanda) ने एयरलाइंस शुरू करने से पहले अपने भाई के साथ मिलकर जूते-चप्पल की एक दुकान खोली थी। दुकान में तरक्की के साथ गोपाल ने जूते बनाने की फैक्ट्री शुरू कर दी। गोपाल ने होटल, कैसिनो, प्रॉपर्टी डीलिंग, स्कूल-कॉलेज और लोकल न्यूज चैनल के व्यवसाय भी किए हैं।
साल 2009 में पहली बार बने थे विधायक
गोपाल कांडा (Gopal Kanda) सबसे पहले साल 2009 में निर्दलीय विधायक बने थे। इसके बाद वह भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में गृह राज्यमंत्री बने। कांडा की तरक्की सबसे लिए एक अजूबा थी क्योंकि खराब रेडियो-टीवी रिपेयर करने से लेकर राज्य के ताकतवर शख्स के रूप में अपनी पहचान बनाना कोई आसान काम नहीं था। इसके लिए गोपाल कांडा के राजनेताओं और अधिकारियों से नजदीकी रिश्ते भी एक बड़ी वजह थे।