लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple Attacked) के बाहर सुरक्षाकर्मियों पर हमले के आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी (Abbasi) का मनोवैज्ञानिक परीक्षण (सायकालोजिकल टेस्ट) कराएगी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बृहस्पतिवर को मीडिया से बातचीत के दौरान अब्बासी की मानसिक स्थिति के बारे में पूछे गये एक सवाल का जवाब में कहा, हम आरोपी की मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति का पता लगाने के लिए मानदंडों के अनुसार विशेषज्ञों से उसका मनोवैज्ञानिक आकलन करवाएंगे।
अब्बासी के परिवार के सदस्यों ने पहले मीडिया को बताया था कि वह मानसिक रूप से परेशान है और पिछले कुछ सालों से बाइपोलर बीमारी का इलाज करा रहा है।
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष के अखिलेश यादव ने बुधवार को कन्नौज में पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि अभी जो जानकारी आ रही हैं और उसके पिता ने जो कहा है उसके हिसाब से उसे दिमागी समस्याएं थी, उसके साथ बाइपोलर इश्यूज (मनोविकार) थे। मुझे लगता है, वह पहलू भी देखना पडेÞगा।
अब्बासी का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसमें वह अपने बाएं हाथ में प्लास्टर लगाए बैठा दिख रहा है।
उसे यह कहते सुना जा रहा है कि वह डर गया था और गोरखपुर से नेपाल जाने की सोच रहा था। वीडियो के बारे में पूछे जाने पर अपर पुलिस महानिदेशक ने कहा कि वीडियो की जांच की जा रही है।
अब्बासी फिलहाल पुलिस हिरासत में है और उसे लखनऊ में उत्तर प्रदेश पुलिस के एटीएस मुख्यालय में रखा गया है।
मामले की जांच एटीएस और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) संयुक्त रूप से कर रहे हैं। जांच के बारे में बात करते हुए, कुमार ने कहा कि अब्बासी द्वारा इस्तेमाल किए गए लैपटॉप और फोन सहित अन्य गैजेट्स को जब्त कर लिया गया है। इन गैजेट्स को डिजिटल फोरेंसिक साक्ष्य इकट्ठा करने के लिए आईटी विशेषज्ञों के पास भेजा जाएगा।ै
उल्लेखनीय है कि रविवार देर रात, 30 वर्षीय आईआईटी स्नातक अहमद मुर्तजा अब्बासी ने गोरखनाथ मंदिर परिसर में प्रवेश करने की कोशिश की और जब सुरक्षा कर्मियों ने उसे रोकने की कोशिश की, तो उसने उनपर धारदार हथियार से हमला किया, जिससे (पीएसी) के दो कांस्टेबल घायल हो गए। जांचकर्ताओं को संदेह है कि अब्बासी कट्टरपंथी है।
गोरखनाथ मंदिर परिसर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आवास भी है जो मंदिर के मुख्य पुजारी हैं। हमले के वक्त योगी आदित्यनाथ मंदिर परिसर में नहीं थे।