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Gorakhnath Temple Attack: आरोपी अहमद मुर्तजा की हिरासत 16 तक बढ़ी

गोरखपुर। नाथ संप्रदाय की सर्वोच्च पीठ गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple Attack) के सुरक्षाकर्मियों पर हुए हमले के आरोपित अहमद मुर्तजा अब्बासी (Murtuza) को एटीएस ने सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच गोरखपुर कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने आरोपित को 16 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया।

एटीएस टीम सोमवार को कड़ी सुरक्षा में मुर्तजा को लेकर गोरखपुर पहुंची, जहां उसे कोर्ट में पेश किया गया। एटीएस ने आरोपित मुर्तजा से पूछताछ को लेकर उसकी हिरासत बढ़ाने की मांग की। एटीएस की अर्जी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आरोपित की हिरासत को 16 अप्रैल की दोपहर 12 तक के लिए बढ़ा दी।

तीन अप्रैल की शाम गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी के दो जवानों पर मुर्तजा ने धारदार हथियार से हमला किया था। उसके खिलाफ गोरखनाथ थाने में हत्या का प्रयास, सरकारी कार्य में बाधा डालने समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज है। चार अप्रैल को गोरखनाथ पुलिस ने मुर्तजा को कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए हिरासत मांगी थी। कोर्ट ने उसे 11 अप्रैल की दोपहर दो बजे तक हिरासत में रखने का आदेश दिया।

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पांच अप्रैल को एटीएस उसे लेकर पूछताछ के लिए लखनऊ चली गयी। जांच के दौरान आरोपित के पास से लैपटॉप, मोबाइल और धार्मिक किताबें मिलीं। यह भी सामने आया कि वह आतंकी संगठन में भी जाना चाहता है, जिसके लिए वह एक युवती के सम्पर्क में था। कई ऐसे बिंदुओं के सामने आने पर पूछताछ के लिए एटीएस ने आरोपित की पुलिस हिरासत बढ़ाने की अर्जी कोर्ट में डाली थी, जिससे स्वीकार कर लिया गया।

मुर्तजा के चाचा का नहीं दर्ज हुआ बयान

मुर्तजा के बड़े पिता डॉ. खालिद अहमद अब्बासी रविवार की शाम को पुलिस कंट्रोल रूम के पास स्थित एटीएस कार्यालय में बयान दर्ज कराने पहुंचे। कार्यालय में मौजूद दारोगा एवं सिपाहियों ने बयान दर्ज करने से मना कर दिया। करीब 30 मिनट तक कार्यालय में रहने के बाद डॉ.अब्बासी घर लौट गए। एटीएस के उप निरीक्षक दिनेश कुमार पांडेय गोरखनाथ थाने में दर्ज हुए मुकदमें की विवेचना कर रहे हैं। शुक्रवार को विवेचक की ओर से मुर्तजा के बड़े पिता डॉ. खालिद अहमद अब्बासी को नोटिस भेजा गया कि तत्काल लखनऊ के नादरगंज स्थित एटीएस के मुख्यालय पहुंचकर अपना बयान दर्ज कराएं। अपने साथ आधार कार्ड, पहचान पत्र एवं निवास प्रमाण लेकर जांए। आदेश की अवहेलना करने पर विधिक कार्रवाई की जाएगी।

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अपनी उम्र 65 साल होने की जानकारी देते हुए डॉ. खालिद अब्बासी लखनऊ की जगह गोरखपुर कार्यालय में बयान दर्ज कराने के लिए शनिवार रात में पहुंच गए, लेकिन उन्हें लौटा दिया गया। इसके बाद उन्होंने एटीएस के एडीजी और एसएसपी को ई-मेल भेजकर बताया कि उनकी उम्र 65 वर्ष है। कानून के मुताबिक वरिष्ठ नागरिक होने के नाते उनसे पूछताछ एवं बयान उसी जिले में दर्ज किया जाए।

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