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गोवर्धन पूजा कब है, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा महत्व

Govardhan Puja

govardhan puja

सदियों से भक्त गण भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का स्मरण करने के लिए उसे त्योहार के रूप में मनाते है। कार्तिक माह में दीपावली पर्व के साथ-साथ गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) का विशेष महत्व है। इस त्यौहार का भारतीय लोकजीवन में बहुत महत्व है। इस पर्व में प्रकृति के साथ मानव का सीधा सम्बन्ध दिखाई देता है। शास्त्रों में यह बताया गया है कि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र देवता को पराजित किया था।

मान्यता है कि इस विशेष दिन पर भगवान श्री कृष्ण और इंद्र देव की उपासना करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। दिवाली का पर्व पांच दिनों तक मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत धनतेरस के साथ होती है। पहले दिन धनतेरस, दूसरे दिन नरक चतुर्दशी, तीसरे दिन दिवाली, चौथे दिन गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) और पांचवे दिन भैया दूज का त्यौहार मनाया जाता है।

गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) के दिन हर घर में गाय के गोबर से गोवर्धन महाराज की प्रतिमा बनाई जाती है और पूरे परिवार के साथ शुभ मुहूर्त में पूजा अर्चना की जाती है। प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन गोवर्धन पूजा का आयोजन होता है। इस पूजा को अन्नकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण और गोवर्धन पर्वत को गेहूं, चावल, बेसन, सब्जी इत्यादि का भोग अर्पित किया जाता है। गोवर्धन पूजा के दिन अन्नकूट बनाया जाता है और उसी का भोग लगाया जाता है। अन्नकूट के साथ भगवान कृष्ण के लिए 56 भोग का प्रसाद भी बनाया जाता है।

गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) 2024 तिथि

वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 01 नवंबर शाम 06:16 से शुरू होगी और इस तिथि का समापन 02 नवंबर रात्रि 08:20 का होगा गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) का आयोजन सुबह के समय किया जाता है. इसलिए यह पर्व 02 नवंबर 2024, शनिवार के दिन मनाया जाएगा

मान्यता है कि इस विशेष दिन पर दान-पुण्य करने से व्यक्ति के सभी पाप और कष्ट दूर हो जाते हैं।

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