मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ऐसी बाजार व्यवस्था विकसित की जाए, जिससे किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिले। सब्जियों के थोक और खुदरा मूल्य में अधिक अंतर नहीं होना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में सब्जियों के दाम के संबंध में उद्यानिकी विभाग की उच्च स्तरीय बैठक में कहा कि कि किसान दिन-रात पसीना बहाकर उत्पादन करता है परन्तु अधिक मुनाफा बिचौलिए ले जाते हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी सब्जियों आदि उपज का समुचित मूल्य दिलवाना सरकार का लक्ष्य है।
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इसके लिए अन्य राज्यों की व्यवस्थाओं का अध्ययन कर सब्जियों के न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किए जाने संबंधी रिपोर्ट तैयार कर उनके समक्ष दो दिन में प्रस्तुत की जाए।
इस बैठक में बताया गया कि केरल आदि राज्यों में सब्जियों के न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किए जाने की व्यवस्था है। केरल में इसके लिए किसानों का पंजीयन किया जा रहा है। प्रदेश में सब्जियों आदि के परिवहन पर कहीं भी किसी प्रकार की रोक नहीं है।
किसान आसानी से किसी भी मंडी अथवा स्थान पर अपनी फसलें लाना-ले जाना कर सकते हैं। इसके बाद श्री चौहान ने निर्देश दिए कि पशुपालन और संबंधित विभागों के अधिकारी सब्जी मंडियों आदि का औचक निरीक्षण कर देखें कि किसानों से सब्जी किस मूल्य पर खरीदी जा रही है और उपभोक्ता को किस मूल्य पर मिल रही है।