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उत्तर प्रदेश में नई एफडीआई नीति को सरकार की मंजूरी

FDI

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में निवेशकों को प्रोत्साहित करने के मकसद से योगी मंत्रिमंडल ने मंगलवार को नई प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नीति को मंजूरी प्रदान कर दी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक के बारे में जानकारी देते हुये वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने पत्रकारों को बताया कि निवेशकों को दिये गये प्रोत्साहनों में भूमि अधिग्रहण, स्टांप शुल्क और पूंजी निवेश में छूट शामिल है। इसके अलावा सरकार उन उद्यमों को विशेष प्रोत्साहन देगी जो एफडीआई के माध्यम से राज्य के युवाओं को प्रशिक्षण देंगे।

श्री खन्ना ने स्वीकार किया कि महाराष्ट्र समेत कुछ अन्य राज्यों की तुलना में राज्य में एफडीआई (FDI) का प्रवाह अपेक्षाकृत कम है और यही कारण है कि अधिक एफडीआई (FDI) आकर्षित करने के लिए नई नीति पेश की गई है। यह नीति प्रदेश में औद्योगिक निवेश और रोजगार प्रोत्साहन नीति-2022 के अनुरूप स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क में क्षेत्र-विशिष्ट छूट की भी अनुमति देगी। इसके अतिरिक्त, पांच साल की अवधि के लिए बिजली शुल्क में शत प्रतिशत की छूट दी जाएगी।

उन्होने बताया कि मंत्रिमंडल ने यूपी 112 को अगले तीन साल के लिए बढ़ाने का फैसला किया है। 2017 में कार्यभार संभालने के बाद से इस प्रणाली में महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं। आपातकालीन सेवा यूपी 112 का रिस्पांस टाइम वर्तमान में औसतन 13 मिनट है। अब इसमें नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे कोई भी पीड़ित 50 मीटर तक यूपी 112 वाहन का पता लगा सकेगा।

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