Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

सरकार ने चीन कंपनियों के सार्वजनिक टेंडर भरने पर लगाई रोक

सार्वजनिक खरीद

सार्वजनिक खरीद

नई दिल्ली| सरकार ने चीन समेत उन देशों से सार्वजनिक खरीद पर नियंत्रण लगा दिए हैं, जिनकी सीमाएं भारत से लगती हैं। इन देशों का कोई फर्म सुरक्षा मंजूरी और ण्क विशेष समिति के पास पंजीकरण के बाद ही टेंडर भर सकेगी। चीन के साथ सीमा विवाद के बीच यह कदम उठाया गया है।  गुरुवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि भारत सरकार सामान्य वित्तीय नियम, 2017 को संशोधित किया है ताकि उन देशों के बोलीदातओं पर नियंत्रण लगाया जा सके जिनकी सीमा भारत से लगती हैं। देश की रक्षा और सुरक्षा से जुड़े मामलों को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है। व्यय विभाग ने देश की रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ करने के इरादे से नियम के तहत सार्वजनिक खरीद पर विस्तृत आदेश जारी किया।

दवाओं के कच्चे माल के आयात पर 70 फीसदी शुल्क लगाने पर विचार

आदेश के तहत भारत की सीमा से लगे देशों का कोई भी आपूर्तिकर्ता भारत में सार्वजनिक परियोजनाओं के लिए वस्तुओं , सेवाओं (परामर्श और गैर-परामर्श समेत)की आपूर्ति के अनुबंध या परियोजना कार्यों (टर्न-की परियोजना समेत) के लिए तभी बोली लगा सकेगा जब वह उचित प्राधिकरण के पास पंजीकृत होगा। इसमें कहा गया है कि पंजीकरण के लिए उचित प्राधिकरण उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा गठित पंजीकरण समिति होगी। इसके लिए विदेश और गृह मंत्रालय से राजनीतिक और सुरक्षा संबंधी मजूरी अनिवार्य होगा।

आदेश के दायरे में में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों, स्वायत्त निकायों, केंद्रीय लोक उपक्रमों, सार्वजनिक-निजी भागीदारी वाली परियोजनाओं को भी लिया गया है जो सरकार या उसके अंतर्गत आने वाली इकाइयों से वित्तीय समर्थन लेती हैं। इसमें कहा गया है कि देश की रक्षा और सुरक्षा में राज्य सरकारों की अहम भूमिका है। इसको देखते हुए भारत सरकार ने राज्य सरकारों और राज्य उपक्रमों आदि द्वारा खरीद के मामले में इस आदेश के क्रियान्वयन को लेकर संविधान के अनुच्छेद 257 (1) का उपयोग करते हुए राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है।

एमआरपी से अधिक वसूला, तो भरना पड़ेगा 5000 रुपये जुर्माना

राज्य सरकारों की खरीद के मामले में उचित प्राधिकरण का गठन राज्य करेंगे, लेकिन राजनीतिक और सुरक्षा मंजूरी अनिवार्य बनी रहेगी। कुछ मामलों में छूट दी गई है। इसमें कोविड-19 वैश्विक महामारी की रोकथाम के लिए 31 दिसंबर तक चिकित्सा सामानों की आपूर्ति के लिए खरीद शामिल हैं।  सरकार ने अलग आदेश में उन देशों को पूर्व पंजीकरण से छूट दी है जिन्हें भारत सरकार की तरफ से ऋण सुविधा या विकास संबंधी सहायता उपलब्ध करायी गई है।अदेश के अनुसार, ”नया प्रावधान सभी निविदाओं पर लागू होगा। जिन निविदाओं को पहले ही आमंत्रित किया जा चुका है या वे पात्रता के मूल्यांकन का पहला चरण पूरा नहीं हुआ, जिन बोलीदाताओं का पंजीकरण नहीं है, उन्हें पात्र नहीं माना जाएगा।  अगर यह चरण पूरा हो गया है, निविदा रद्द की जाएगी और नये सिरे से प्रक्रिया शुरू की जाएगी।  यह प्रावधान निजी क्षेत्र द्वारा खरीद पर लागू नहीं होता है।

Exit mobile version