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यूपी को तक टीबी मुक्त करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध : जय प्रताप सिंह

Jai Pratap Singh

उत्तर प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार प्रदेश को टीबी मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।

श्री सिंह ‘विश्व क्षय रोग दिवस’की पूर्व संध्या पर आज यहां लोक भवन में संवाददाताओं को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश को टीबी मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। टीबी एक गम्भीर बीमारी है और प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में इसका उपचार निःशुल्क है।

उन्होंने कहा कि विश्व का हर चौथा क्षय रोगी भारतीय है और भारत का हर पांचवा क्षय रोगी उत्तर प्रदेश का वासी है। इसी को ध्यान में रखते हुए आधुनिक भारत के शिल्पी और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति बेहद संवेदनशील भारत के यशस्वी प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा क्षयरोग को वर्ष 2025 तक भारत से समाप्त करने का संकल्प लिया गया है।

श्री सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार श्री मोदी के संकल्प को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि आधुनिकतम विधियों द्वारा प्रदेश के प्रत्येक क्षयरोगी को निःशुल्क और गुणवत्तायुक्त जाँच और उपचार सुविधाएं प्रदान की जाएं। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम भारत सरकार के आर्थिक सहयोग एवं मार्ग दर्शन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत पूरे प्रदेश में चलाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष 24 मार्च को विश्व क्षय रोग दिवस के रूप मे मनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के व्यापक प्रचार प्रसार एव सामाजिक/जन सहभागिता बढाये जाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष प्रदेश में “क्षय रोग सप्ताह” का आयोजन 18 से 24 मार्च तक किया गया है। जिसमें जिले एवं राज्य स्तर पर विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कल ‘विश्व क्षय रोग दिवस’ पर आयोजित मुख्य कार्यक्रम सीतापुर में आयोजित किया जायेगा,जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि टी बी (क्षय रोग) वर्तमान समय में एक गम्भीर बीमारी का रूप धारण कर चुकी है। आज आवश्कता है कि प्रदेश के आम जनमानस को क्षय रोग के लक्षणों की जानकारी हो-दो सप्ताह या अधिक समय से खांसी एव बुखार आना, वजन मे कमी होना, भूख कम लगना, बलगम में खून आना, सीने में दर्द एव छाती के एक्सरे में असमान्यता, क्षय रोग के मुख्य लक्षण हैं। क्षय रोग पूर्णतया साध्य रोग है जिसका पूरा कोर्स करने से रोगी स्वस्थ हो जाता है। क्षय रोग परीक्षण एवं उपचार की सेवाएं प्रदेश के समस्त सरकारी अस्पतालाें में निःशुल्क उपलब्ध हैं।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में टीबी नोटीफिकेशन सरकारी क्षेत्र में 242258 पंजीकृत क्षय रोगी एवं निजी क्षेत्र में 124256 पंजीकृत क्षय रोगी (कुल 366514 क्षय रोगी) वर्ष 2021 मे अब तक 90000 से अधिक क्षय रोगी निक्षय पोर्टल पर पंजीकृत कर निशुल्क उपचार किया गया। उन्होंने बताया कि एक्टिव केस फाइंडिग अभियान के द्वारा क्षय रोगियो की खोज की जाती है। एक्टिव केस फाइंडिग अभियान का मुख्य उद्देश्य छुपे हुए टीबी के रोगियों को उनके घरों से खोज निकालना तथा उन्हें टीबी की डाइग्नोस्टिक और ट्रीटमेन्ट सर्विसेस से जोड़ने का है। इसमें स्वास्थ्य कार्यकर्ता ऐसी आबादी में जहां क्षय रोगियों की संभावना ज्यादा होती है, घर-घर जाकर क्षय रोग के लक्षणों के बारे में बतायेंगे व संदिग्ध रोगियों की पहचान कर उनकी निःशुल्क जांच व उपचार प्रदान किया जायेगा।

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