राज्य के बुलंदशहर जिले के सिकंदराबाद में शराब पीने से छह लोगों की मौत की घटना के बाद सरकार सख्त हो गई हैं, इसकी कुछ विशेष बाते भी हैं। जिन पर ध्यान दिया जाना जरूरी है। सात जनवरी की रात रेक्टिफाइड केमिकल से बनाई गई जहरीली शराब पीने से जीतगढ़ी गांव के छह लोगों की मौत हो गई। करीब दर्जन भर लोग अब भी बीमार हैं। रेक्टिफाइड केमिकल में सौ फीसद अल्कोहल होता है। जरा सी मात्र इधर-उधर हुई कि इससे बनी शराब जानलेवा हो जाती है।
योगी सरकार ने इस पर ठोस उठाए हैं। आबकारी और पुलिस विभाग के कई अधिकारियों को निलंबित किया गया और दोषियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई हुई।
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बुलंदशहर की यह घटना सरकारी तंत्र को सचेत करने वाली है। यह जानकारी किसी से छिपी नहीं हैं , कि उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में कई गांवों में दो-ढाई दशक में शराब कुटीर उद्योग की तरह पनपा है। यह उद्योग कहीं ढके-छिपे स्वरूप में नहीं चल रहा, बल्कि स्थानीय पुलिस व आबकारी अधिकारियों के बाकायदा संरक्षण में चलता है।
आबकारी अधिकारियों को इससे हफ्ता मिलता है तो पुलिस के लिए हफ्तावसूली के अलावा गुडवर्क का कोटा पूरा करने का बड़ा माध्यम भी है।