सरकार 2011 से दवाइयों पर क्यूआर कोड लगाने की कोशिश में लगी है लेकिन अभी तक ऐसा संभव नहीं हो पाया है। लेकिन अब इस पर बात बनती दिख रही है. जल्द ही सभी दवाओं पर आपको कोड देखने को मिल सकता हैं. इस QR कोड लगाने का फायदा ये होगा की इससे पता चल सकेगा कि दवा असली है या नकली।
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क्यूआर कोड से दवाओं की ट्रैकिंग और ट्रेसिंग में मदद मिलती है और इससे नकली और घटिया दवाओं के मरीज तक पहुंचने की संभावना कम हो जाती है।
प्रधानमंत्री कार्यालय, नीति आयोग, कॉमर्स मिनिस्ट्री, डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्यूटिकल्स और स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रतिनिधियों की पिछले सप्ताह बैठक हुई। जिसमें इस मामले को निपटाने और इस बारे में जल्दी ही एक अधिसूचना जारी की जाएगी।