उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि राज्य में कानून एवं व्यवस्था को सुदृढ़ कर जनमानस में सुरक्षा की भावना बलवती करना एवं अपराधियों में कानून का भय पैदा करना सरकार की प्रमुख नीति है।
‘पुलिस स्मृति दिवस’ के अवसर पर श्री योगी ने यहां रिजर्व पुलिस लाइन्स में शहीद जवानो को श्रद्धांजलि अर्पित की और परेड की सलामी ली। उन्होने कहा कि वर्ष 2019-2020 में कर्तव्य की वेदी पर अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों में उत्तर प्रदेश पुलिस के नौ बहादुर पुलिसकर्मी शामिल हैं। उन्होंने सभी शहीद पुलिसजनों के प्रति श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि जाबांज पुलिस कर्मियों का यह सर्वोच्च बलिदान हमें निरन्तर कर्तव्य पथ पर पूर्ण निष्ठा, मनोयोग एवं दायित्व बोध के साथ आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा देता रहेगा।
उन्होंने प्रदेश के शहीद पुलिसजनों के परिजनोें को आश्वस्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार उनके कल्याण तथा सुख-सुविधाओं के लिये पूर्ण संवेदनशीलता के साथ सभी जरूरी कदम उठाने के लिए हमेशा तत्पर रही है और आगे भी रहेगी।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने कर्तव्य पालन के दौरान शहीद पुलिस कर्मियों के साथ-साथ केन्द्रीय अर्द्ध सैन्य बलों/अन्य प्रदेशों के अर्द्ध सैन्य बलों तथा सेना में कार्यरत एवं मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले 122 शहीद कर्मियों के आश्रितों को 26 करोड़ 95 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की है जिसमें कानपुर के ग्राम बिकरू की घटना में शहीद हुये पुलिस कर्मियों के परिजनों को 50 लाख रुपये के स्थान एक करोड़ रुपये की अनुग्रह धनराशि एवं अन्य लम्बित सभी देयकों का भुगतान शामिल है।
उन्होने कहा कि पुलिस बल की क्रियाशीलता एवं प्रभाव में अभिवृद्धि के लिये विभिन्न जिलों में 21 नये पुलिस थानों एवं नौ नयी पुलिस चौकियों की स्थापना की गयी है। राज्य सरकार की अपराध एवं अपराधियों के प्रति जीरो टाॅलरेंस की नीति है। इसके परिणामस्वरूप विभिन्न जिलों में दुर्दान्त अपराधियों के विरुद्ध कार्यवाही के दौरान 20 मार्च, 2017 से 05 अक्टूबर, 2020 की अवधि में कुल 125 अपराधी मुठभेड़ में मारे गये एवं 2,607 घायल हुए। इस कार्यवाही में पुलिस बल के 13 जवानों ने वीरगति प्राप्त की और 988 पुलिस कर्मी घायल हुए। इसी अवधि में 9,578 पुरस्कार घोषित अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। वर्तमान में प्रदेश में कोई ऐसा संगठित अपराधी नहीं है जो जेल के बाहर स्वच्छन्द विचरण कर रहा हो। ऐसे अपराधी या तो जेल भेज दिये गये हैं अथवा गिरफ्तारी के दौरान आत्मरक्षार्थ पुलिस कार्यवाही में मारे गये हैं।
श्री योगी ने कहा कि इन कार्यवाहियों के दौरान अद्भुत शौर्य का प्रदर्शन करते हुये पुलिस के 09 जवान वीरगति को प्राप्त हुये। पुलिस की इन कार्यवाहियों ने समाज के सभी वर्गों विशेषकर महिलाओं, बालिकाओं, कमजोर वर्गों एवं व्यापारियों में सुरक्षा की भावना को सुदृढ़ किया है। प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता तथा पुलिस के समन्वित प्रयासों से प्रदेश में साम्प्रदायिक सौहार्द का वातावरण कायम है।
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उन्होने कहा कि प्रदेश में महिलाओं एवं बच्चों का उत्पीड़न रोकने, महिलाओं एवं बच्चों के विरुद्ध अपराधों को नियंत्रित करने, उन्हें यथावश्यक सहयोग प्रदान करने तथा महिलाओं के सशक्तीकरण के उद्देश्य से महिला सम्मान प्रकोष्ठ, महिला सहायता प्रकोष्ठ, ‘1090’ महिलाओं से सम्बन्धित लोक शिकायत में प्राप्त होने वाली शिकायतों को सम्मिलित कर महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की स्थापना की गयी है।
श्री योगी ने कहा कि लखनऊ, बदायूं एवं गोरखपुर में पुलिस बल की तीन महिला बटालियन के लिये 3,786 पद सृजित कर गठन किया गया है। महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन के उद्देश्य से प्रदेश में ‘मिशन शक्ति’ अभियान संचालित किया जा रहा है। महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा के लिये ‘एन्टी रोमियो स्क्वाड’ द्वारा अनवरत अभियान चलाया जा रहा है। इससे महिलाओं विशेषकर छात्राओं/बालिकाओं में सुरक्षा की भावना सुदृढ़ हुई है।
केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की तर्ज पर उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल का गठन किया गया है। इस बल का मुख्य उद्देश्य धार्मिक, न्यायिक एवं महत्वपूर्ण/व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के साथ ही, व्यक्तिगत सुरक्षा प्रदान करना है। पुलिस और फाॅरेन्सिक साइंस विश्वविद्यालय की स्थापना किए जाने के लिये छह मार्च को अधिसूचना जारी की जा चुकी है। विवेचनाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने एवं अपराधियों को अधिक से अधिक सजा दिलाने के उद्देश्य से सभी परिक्षेत्रीय मुख्यालयों पर विधि विज्ञान प्रयोगशालाएं स्वीकृत करने का निर्णय लिया गया था। इसके क्रम में गाजियाबाद एवं झांसी में विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं का निर्माण कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है, जिसका लोकार्पण शीघ्र किया जाएगा।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कानून का राज स्थापित करने के मकसद गैंगस्टर एक्ट के अन्तर्गत 34,217 अभियुक्तों को अब तक गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। गैंगस्टर अधिनियम के अन्तर्गत कुल 596 करोड़ रुपये मूल्य की चल/अचल सम्पत्तियों के जब्तीकरण की कार्यवाही की गयी। इससे समाज में एक बेहतर संदेश गया है।
एसटीएफ द्वारा 313 सराहनीय कार्य किये गये, जिनमें 11 दुर्दान्त पुरस्कार घोषित अपराधी साहसिक मुठभेड़ में मार गिराये गये तथा 648 कुख्यात व इनामी अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले अपराधियों, वन्यजीव अपराधियों एवं साइबर काइम से जुड़े आपराधिक गिरोहों को गिरफ्तार किया गया। एटीएस द्वारा विभिन्न एजेन्सियों के साथ निरन्तर एवं निकट समन्वय बनाये रखते हुये प्रदेश में आतंकवादी संगठनों को पांव जमाने का कोई अवसर नहीं दिया गया। इसकी परिणति यह रही कि अप्रैल, 2017 से अब तक प्रदेश में कोई भी आतंकी घटना घटित नहीं हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार माफियाओं और गुण्डों से जनता को छुटकारा दिलाने के लिए कृतसंकल्पित है। शासन स्तर से चिन्हित 25 तथा पुलिस मुख्यालय स्तर पर चिन्हित 08 माफिया अपराधियों एवं उनके गिरोह के सदस्यों व सहयोगियों के विरुद्ध प्रदेश में प्रभावी कार्यवाही की गयी। इसके अन्तर्गत अब तक 150 से अधिक शस्त्र लाइसेंस निरस्त किये गये हैं। माफियाओं के 200 से अधिक सहयोगियों के विरुद्ध कार्रवाई में अब तक 300 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की सरकारी सम्पत्ति को अवैध कब्जे से अवमुक्त कराने के साथ-साथ ध्वस्तीकरण/जब्तीकरण किया गया है।