लखनऊ। राजधानी लखनऊ विगत 9 माह से विद्यालय बंद होने की वजह से शिक्षक और कर्मचारी भुखमरी की कगार पर हैं। लगभग आधे से अधिक विद्यालय बंद हो चुके हैं। जो विद्यालय बचे हैं वह बिजली के बिल और जलकर की मार से कराह रहे हैं। परंतु प्रदेश सरकार राजनीतिक विलासिता की नींद में सोई हुई है।
उसके पास न तो विद्यालय प्रबंधकों से वार्ता करने का समय है। न ही विद्यालयों की समस्याएं दूर करने में रूचि है। ऐसे में स्ववित्तपोषित विद्यालय प्रबंधक समिति सरकार से यह मांग करती है कि वह जूनियर और प्राथमिक स्तर के विद्यालय खोलने की अनुमति दें। अन्यथा विद्यालयों के बिजली के बिल और जलकर माफ करें साथ ही साथ विद्यालय के शिक्षकों कर्मचारियों को वेतन देने के लिए अनुदानित करे।
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यह मांग स्ववित्तपषित विद्यालय प्रबंधक समिति के अध्यक्ष आनंद कुमार द्विवेदी ने होटल पैसेफिका आलमबाग में संपन्न हुई विद्यालय प्रबंधकों की बैठक में की। उक्त अवसर पर रामशंकर राजपूत , सुरेश शुक्ला , रितेश श्रीवास्तव , आमोद सिंह , शशांक सिंह , अंकित उपाध्याय , मिथिलेश ओझा, प्रमिल चौधरी , सिद्धार्थ द्विवेदी और सोशल मीडिया प्रभारी आलोक पांडेय व मीडिया प्रभारी लक्ष्मीकांत तिवारी आदि उपस्थित रहे।