नयी दिल्ली। Aadhaar Card से जुड़ी नई एडवाइजरी को लेकर चौतरफा विरोध के बाद सरकार ने इसे तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया है। साथ ही इसे एक सामान्य गतिविधि बताया है।
आईटी मंत्रालय ने वापस ली एडवाइजरी
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्यागिकी मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) की लेटेस्ट एडवाइजरी को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाता है। इसके गलत अर्थों में समझे जाने की संभावना को देखते हुए सरकार ने ये फैसला किया है। UIDAI ने आधार संख्या को शेयर करने की सामान्य प्रक्रियाओं के बारे में परामर्श देने के लिए ये प्रेस रिलीज जारी की थी। ये एक सामान्य गतिविधि है।
आधार है पूरी तरह सुरक्षित
इसी के साथ सरकार ने आम लोगों को फिर से भरोसा दिलाया कि Aadhaar से पहचान का इकोसिस्टम सुरक्षित है। कार्ड धारक की पहचान और निजता की सुरक्षा के लिए इसमें पर्याप्त सुरक्षा फीचर्स दिए गए हैं।
आधार को लेकर क्या कहा था UIDAI ने?
UIDAI के बेंगलुरू क्षेत्रीय कार्यालय ने हाल में एक नई आधार एडवाइजरी जारी की थी। इसमें कहा गया था कि लोगों को किसी संस्थान को आधार कार्ड की फोटोकॉपी नहीं देना चाहिए, क्योंकि इसका गलत इस्तेमाल हो सकता है। इसकी जगह आप मास्क्ड आधार का उपयोग कर सकते हैं। मास्क्ड आधार (What is Masked Aadhaar in Hindi?) में आपकी 12 डिजिट की पूरी आधार संख्या नहीं दिखाई देती है। बल्कि इसमें आधार संख्या के सिर्फ आखिरी चार अंक ही दिखाई देते हैं। इसे आप ऑनलाइन भी प्राप्त कर सकते हैं।
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इसी के साथ लोगों से ये भी कहा गया था कि गैर-लाइसेंसी प्राइवेट इकाइयां उनका आधार कलेक्ट नहीं कर सकती हैं, ना ही उसे अपने पास रख सकती हैं। इसमें बिना लाइसेंस वाले होटल और सिनेमा हॉल शामिल हैं। ऐसे में कार्ड धारकों को उन्हीं इकाइयों के साथ आधार डिटेल शेयर करनी चाहिए जिनके पास UIDAI से लिया गया यूजर लाइसेंस हो।
चौतरफा आलोचना से घिरी सरकार
UIDAI की इस एडवाइजरी को लेकर सरकार की चौतरफा आलोचना होने लगी। सोशल मीडिया पर कहा जाने लगा कि सरकार ने इस एडवाइजरी को जारी करने में देर कर दी, क्योंकि लोग करीब 10 साल से आधार कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं कई लोगों ने पहले इसे हर जगह अनिवार्य बनाए जाने और बाद में इसकी फोटो कॉपी शेयर नहीं करने को लेकर जारी इस एडवाइजरी की आलोचना की। सोशल मीडिया पर इसे लेकर कई तरह के मीम भी शेयर किए जाने लगे।
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ओवैसी ने सरकार को घेरा
AIMIM प्रमुख और सांसद असदु्द्दीन ओवैसी ने भी आधार कार्ड को लेकर सरकार की इस एडवाइजरी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि सरकारी एजेंसियां सालों से आधार को अनिवार्य बनाने में जुटी रहीं। अब वे उम्मीद करते हैं कि आम लोग सरकार की नई अधिसूचना पर बहस करें अन्यथा अपना नुकसान उठाने के लिए तैयार रहें। ओवैसी ने सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यह नहीं भूला जाना चाहिए कि आधार का इस्तेमाल भीड़ द्वारा लोगों को तंग करने और मारने के लिए किया गया है। एमपी के देवास में आधार न होने पर एक मुस्लिम विक्रेता की पिटाई की गई थी।