वाराणसी। देश की सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर विख्यात वाराणसी में रविवार को G-20 देशों से विदेशी मेहमानों का भव्य स्वागत किया गया।
G20 के सभी सदस्य, नौ अतिथि देशों और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों समेत 200 से अधिक प्रतिनिधि आज वाराणसी पहुंचे हैं। मेहमानों के लिए आज एक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया, जिसकी शुरुआत दशाश्वमेध घाट जाकर मनमोहक गंगा आरती देखने के साथ हुई। देवी गंगा की पूजा करने के लिए प्रतिदिन पुजारियों द्वारा गंगा आरती की जाती है और पवित्र अनुष्ठान, झिलमिलाते दीपक और गूंजते मंत्र एकता और साझा समृद्धि का एक शक्तिशाली अनुस्मारक हैं।
इसके बाद प्रख्यात संगीतकार डॉ. राकेश कुमार ने राग भिन्ना शादज और बनारसी धुन जैसी सुंदर रचनाएँ बजाईं, दूसरी नृत्यांगना मैत्रयी पहाड़ी और उनकी मंडली ने चारुकुला, मयूर, पाई डंडा, दीवारी, ढेडिया, रासलीला, झूमर समेत उत्तर प्रदेश के विभिन्न लोक नृत्यों का प्रदर्शन किया।
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने ईयू, यूएनसीटीएडी, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। शाम का समापन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा आयोजित एक भव्य रात्रिभोज के साथ हुआ।
बैठक के पूर्ण सत्र कल दीनदयाल हस्तकला संकुल (टीएफसी), वाराणसी में शुरू होंगे।
इससे पहले होटल ताज में विदेशी डिप्लोमेट्स का स्वागत करने के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं मौजूद थे। जी20 समिट की बैठक में शामिल होने के लिए वाराणसी पहुंचे विदेशी डिप्लोमेट्स दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा सेवा निधि की भव्य आरती देख मंत्रमुग्ध हो गये। योगी सरकार की ओर से विदेशी आगंतुकों के सत्कार के लिए यहां महाआरती का आयोजन किया गया। गंगा तट पर ग्रैंड वेलकम से जी-20 के डिप्लोमैट्स भी अभिभूत दिखे। इसके लिए जिला प्रशासन और गंगा सेवा निधि की ओर से तैयारियों को पहले ही पूरा करा लिया गया था।
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उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से आयोजित रात्रि भोज में मुख्यमंत्री ने विदेशी मेहमानों से भी बातचीत की। उन्होने विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से G-20 बैठक के बाबत जानकारी की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विदेश मंत्री को जी-20 का अंगवस्त्रम पहनाकर व लोगो स्मृति चिन्ह स्वरूप भेट की।
गंगा सेवा निधि की ओर से नौ अर्चकों ने मां गंगा की भव्य महाआरती की साथ ही 18 देव कन्याएं भी आरती में शामिल हुईं। जो की मां गंगा की महाआरती को ओर भी भव्यता प्रदान कर रही थी। इस अवसर पर दशाश्वमेध घाट को भव्य रूप से सजाया गया था।