नई दिल्ली| भारत की वृहद आर्थिक स्थिति तेजी से सुधर रही है और चालू वित्त वर्ष (2020-21) की तीसरी और चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर सकारात्मक रहेगी। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री आशिमा गोयल ने रविवार को यह बात कही। गोयल ने पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा कि कोविड-19 महामारी के प्रबंधन और लॉकडाउन को धीरे-धीरे उठाने से महामारी को उच्चस्तर पर पहुंचने से रोकने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि विभिन्न एजेंसियां वृद्धि के अनुमान में लगातार बदलाव कर रही हैं।
गोयल ने कहा, ”हम देख रहे हैं कि अब लगातार यह सहमति बन रही है कि वृद्धि दर में गिरावट दो अंक से कम रहेगी। सितंबर में अनलॉक 4 से आपूर्ति श्रृंखला की बाधाएं दूर हुई हैं और गतिविधियां तेजी से रफ्तार पकड़ रही हैं। तीसरी और चौथी तिमाही में वृद्धि दर सकारात्मक रहेगी। गोयल को रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का सदस्य नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि कई सुधारों के मोर्चों पर प्रगति हुई है, इससे दीर्घावधि की वृद्धि दर को टिकाऊ करने में मदद मिलेगी।
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उन्होंने कहा, ”भारत की विविधता तथा जुझारू क्षमता के अलावा अधिशेष तरलता से स्थिति सुधर रही है। काफी समय तक तरलता का संकट रहा, लेकिन अब यह आसानी से उपलब्ध है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह यह साक्षात्कार व्यक्तिगत हैसियत से दे रही हैं। ऊंची खुदरा मुद्रास्फीति पर गोयल ने कहा कि इसकी वजह आपूर्ति पक्ष के कारक मसलन बेमौसम बरसात आदि हैं। लेकिन आपूर्ति पक्ष की बाधाएं अधिक समय तक नहीं रहेंगी। उन्होंने कहा, ”इसके अलावा दीर्घावधि के बदलाव हैं, जिनसे मुद्रास्फीति घटेगी। इंदिरा गांधी विकास अनुसंधान संस्थान (आईजीआईडीआर) में अर्थशास्त्र की प्रोफेसर गोयल ने कहा, ”केंद्रीय बैंक ने कई शानदार उपाय किए हैं, जिन्हें समय के हिसाब से प्रतिकूल प्रभाव के बिना पलटा जा सकता है।