हिंदू धर्म में गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) के त्योहार का खास महत्व है। गुड़ी पड़वा का त्योहार हर साल चैत्र मास के शुक्ल की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। इस त्योहार पर महाराष्ट्र में बहुत अधिक धूम देखने को मिलती है। इस दिन लोग घर की सफाई करते हैं। नए पारंपरिक वस्त्र पहनते हैं। पारंपरिक खाना बनाते और खाते हैं। घर में रंगोली बनाते हैं। महाराष्ट्र में इस पर्व को नए साल के शुरुआत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।
भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी की पूजा का विधान
गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) पर भगवान विष्णु के साथ-साथ ब्रह्मा जी की पूजा का विधान है। शास्त्रों के अनुसार, जो भी इस दिन भगवान का पूजन करता है और साथ-साथ कुछ नियमों का पालन करता है, उसे पूरे साल भगवान से खुशियों और अच्छी सेहत का आशीर्वाद मिलता है। यही नहीं विधि-विधान से भगवान का पूजन करने पर सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। हिंदू धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस दिन क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए।
कब है गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) ?
हिंदू पंचांग के अनुसार,चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 मार्च को शाम 4 बजकर 27 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन अगले दिन 30 मार्च दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर हो जाएगा। हिंदू धर्म में उदयातिथि मान्य होती है। इसलिए गुड़ी पड़वा का पर्व 30 मार्च को मनाया जाएगा। चैत्र नवरात्रि भी इसी दिन से शुरू हो रही है।
गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) के दिन क्या करें?
गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर शरीर पर उबटन लगाना चाहिए फिर स्नान करना चाहिए। पहले गणेश भगवान की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी की विधि -विधान से पूजा करनी चाहिए। 108 बार ॐ ब्रह्मणे नमः मंत्र का जाप करना चाहिए। साथ ही मां दुर्गा का ध्यान लगाना चाहिए। पूजा से पहले पूजा के बाद पूरे घर में गंगाजल छिड़कना चाहिए। नीम के पत्ते का चूर्ण बनाकर उसमें नमक, हींग, जीरा, काली मिर्च, अजवाइन और मिश्री डालकर खाना चाहिए। दुकान या व्यापार वाली जगह के मुख्य द्वार पर दोनों तरफ हरिद्रा के कुछ दाने डाल देने चाहिए। इस दिन गुड़ी नाम की ध्वजा फहरानी चाहिए।
गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) के दिन न करें ये काम?
गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) के दिन नाखून नहीं काटने चाहिए। साथ ही दाढ़ी-मूंछ और बाल नहीं कटवाने चाहिए। पूजा-पाठ में गलतियां नहीं करनी चाहिए। दिन में सोना नहीं चाहिए। इस दिन मांसाहार और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।









